अमेरिका कार्रवाई में ईरान के अल कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद मध्य पूर्व की स्थिति को लेकर दुनियाभर में चिंता का माहौल है। एक ओर ईरान ने जहां धमकी देते हुए कहा है वह इस कार्रवाई का बदला लेगा। मध्य पूर्व विशेषज्ञ क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका जता रहे हैं, दूसरी ओर इस्राइल में भी सेना अलर्ट पर है। उसने किसी भी खतरे से निपटने के लिए कमर कस ली है।
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ग्रीस का अपना दौरा बीच में ही छोड़कर ही लौट आए हैं। उन्होंने हालात की समीक्षा के लिए देश के वरिष्ठ सैन्य जनरलों के साथ बैठक बुलाई है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ग्रीस का अपना दौरा बीच में ही छोड़कर लौट रहे हैं। उन्होंने स्थिति की समीक्षा के लिए सैन्य जनरलों की बैठक बुलाई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि नेतन्याहू को स्थिति के बारे में लगातार अपडेट किया जा रहा है। इस्राइल सरकार ने मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे सुलेमानी के बारे में कोई भी साक्षात्कार ना दें। कार्यालय के मुताबिक नेतन्याहू नहीं चाहते हैं कि यह मामला जटिल बन जाएं। नेतन्याहू के निर्देश के बाद भी इस्राइल के एक विपक्षी नेता येर लापिड ने ट्विटर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस कार्रवाई के लिए बधाई दी।
इस्राइली आर्मी रेडियो का कहना है कि अमेरिकी कार्रवाई के बाद से ही देश की सेना अलर्ट पर है। आशंका जताई गई है कि ईरान हिज्बुल्लाह और हमास के जरिए इस्राइल पर हमला कर सकता है। एक विशेषज्ञ ने एक वेबसाइट पर लिखा कि ईरान बदला लेने के लिए सही मौके का इंतजार करेगा। इसके बाद ही वह इस्राइल पर हमला करेगा। उनके मुताबिक वे सीरिया और गाजा से इस्राइल पर हमला कर सकते हैं।
फलस्तीनी गुट हमास ने सुलेमानी की हत्या की आलोचना की है और ईरान को अपनी तरफ से संवेदना संदेश भेजा है। हमास ने कहा है कि सुलेमानी ने उसे फलस्तीनी प्रतिरोध में मदद की। वहीं, खतरे को देखते हुए सीरिया की सीमा से सटे माउंट हरमन स्की रिजॉर्ट को बंद कर दिया गया है। इस इलाके में पहले भी मिसाइल हमले हो चुके है।
इस्राइल कासिम सुलेमानी को बड़े खतरे के रूप में देखता रहा है। पिछले साल अगस्त में इस्राइली सेना ने दावा किया था कि सुलेमानी ने सीरिया से इस्राइल पर ड्रोन हमला करवाया था, लेकिन सेना ने इस हमले की कोशिश को नाकाम कर दिया था। अल कुद्स पर हिज्बुल्लाह की मदद का भी आरोप लगा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्राइली विदेश मंत्रालय ने दुनियाभर में इस्राइली दूतावास और मिशन की सुरक्षा बढ़ा दी है।
2018 में सुलेमानी को मारने के लिए अमेरिका ने दिया इस्राइल को आदेश
सुलेमानी को इस्राइल हमेशा से शक की निगाह से देखता रहा है। इस्राइल का आरोप रहा है कि सुलेमानी ने हिज्बुल्लाह के शिया लड़ाकों को प्रशिक्षण दिया है। पिछले साल अगस्त में इस्राइल पर ड्रोन हमले की कोशिश की गई, इसमें भी कुड्स कमांडर का ही हाथ था। इसने इन चरमपंथियों को ट्रेनिंग दी थी।
इस्राइल के खिलाफ जंग को लेकर सुलेमानी हमेशा काफी खुलकर बोलता था। अगस्त में उसने कहा था कि ये ईरान का इस्राइल के साथ आखिरी संघर्ष होगा। वहीं, ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख हुसैन सलामी ने कहा था कि इस्राइल को पूरी तरह खत्म करना अब सपना नहीं है, यह हकीकत है। इस्राइली पीएम ने सुलेमानी और हिज्बुल्लाह के हसन नसरल्लाह को सावधान किया था।
कासिम सुलेमानी को साल 1998 में कुद्स फोर्स का प्रमुख बनाया गया था। कुद्स फोर्स पर आरोप है कि उसने 1992 में ब्यूनस आयर्स में इस्राइली दूतावास पर हमले के लिए हिज्बुल्लाह की मदद की थी।
साल 2006 में इस्राइल और हिज्बुल्लाह के बीच हुए युद्ध में हिज्बुल्लाह की मदद के लिए सुलेमानी को ही जिम्मेदार माना गया। इस्राइल मानता रहा है कि उसके सभी दुश्मनों को एक मंच पर लाने के लिए सुलेमानी हमेशा कोशिश करता रहा है। फरवरी 2016 में सुलेमानी ने तेहरान में हमास के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2018 में अमेरिकी ने कथित तौर पर सुलेमानी की हत्या के लिए इस्राइल को हरी झंडी दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे तीन साल पहले भी इस्राइल ने सुलेमानी पर कार्रवाई का मन बनाया था, लेकिन उस समय अमेरिका ने ईरानी नेतृत्व को चेतावनी दे दी थी।
