भारत की हर फॉर्मेट की सबसे काबिल और कामयाब महिला बल्लेबाजों में से एक 36 बरस की मिताली राज ने टी-20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया। उन्होंने यह फैसला अपना ध्यान 2021 के वन डे विश्व कप की तैयारी पर लगाने के लिए लिया है।
मिताली राज ने मंगलवार को कहा कि भारत को वन डे विश्व कप जीताना मेरा सपना है और इसे पूरी करने के लिए अपना सब कुछ झोंक देना चाहती हूं। भारत के लिए 2006 से टी -20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में खेलना शुरू करने के बाद से अब मैं क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेट को अलविदा कहना चाहती थी, जिससे कि मैं अपनी पूरी उर्जा खुद को 2021 के वन डे विश्व कप के लिए तैयार करने पर लगा सकूं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से निरंतर समर्थन के लिए मैं उसका आभार जताना चाहती हूं। मैं भारतीय महिला क्रिकेट टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी-20 सीरीज की तैयारी के लिए शुभकामनाएं देती हूं। मिताली राज ने भारत के लिए 203 वन डे मैच खेले और 52 में नॉटआउट रहकर सात शतकों और 52 अर्धशतकों सहित 51.29 की औसत से 6720 रन बनाए। बतौर लेग स्पिनर मिताली ने भारत के लिए आठ विकेट भी चटकाए।
मिताली राज भारत की पहली टी-20 कप्तान हैं। 2006 में पहली बार टी-20 में भारत की अगुआई करने वाली मिताली राज ने क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेट में 89 मैचों में देश की नुमाइंदगी की और 17 अर्धशतकों सहित 37.50 की औसत से कुल 2364 रन बनाए। मिताली राज का टी-20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सेंचुरी जडने का सपना जरूर पूरा नहीं हुआ। टी-20 में नॉटआउट 97 रन उनका सर्वोच्च स्कोर है।
वह टी-20 क्रिकेट के इतिहास में रन बनाने में दुनिया में छठे नंबर है। महिला टी-20 क्रिकेट में मिताली से रन बनाने में सूजी बेटस, स्टीफनी टेलर, चार्लोट एडवडर्स , मैग लेनिंग और डियांड्रा डॉटिन ही आगे हैं। मिताली टी -20 क्रिकेट में दो हजार से ज्यादा रन बनाने वाली अकेली भारतीय महिला बल्लेबाज हैं।