गैस्ट्रिक (उदर-संबंधी) के इलाज में ली जाने दवा पैंटाप्राजोल, ओमिप्राजोल, लैंसाप्राजोल, इसोमेप्राजोल, रेबिप्राजोल सहित कई दवाओं के इस्तेमाल से किडनी पर असर का खतरा रहता है। इसको ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सभी राज्यों के ड्रग्स कंट्रोलर को पत्र लिखा है।
इस पत्र में कहा गया है कि यह दवा बनाने वालिलखाना ली कंपनियां दवा के रैपर पर यह जरूर लिखें कि इसके प्रयोग से किडनी पर असर पड़ सकता है। दवाओं से मरीजों पर होने वाले दुष्परिणाम पर कार्य करने वाली वैज्ञानिक संस्था आईपीसी ने यह सलाह दी है।
