भारतीय टीम का एक खिलाड़ी जिसकी कप्तानी के अंदर खेले कई युवा टीम इंडिया में आकर छा गए, लेकिन उसे मैन इन ब्लू की जर्सी पहनने का मौका बहुत देर से मिला। गुस्से ने उसके अथाह क्रिकेटिंग टैलेंट को बाहर आने का मौका ही नहीं दिया। जब कुछ बेहतर होने की उम्मीद जगी, उसके गुस्से ने सारे किए-कराए पर पानी फेर दिया।
वह खिलाड़ी अंबाती रायुडू हैं, जिनकी कप्तानी में सुरेश रैना, इरफान पठान, आरपी सिंह और दिनेश कार्तिक सरीखे खिलाड़ी खेले। भारतीय अंडर-19 की अगुवाई करने वाला यह कप्तान कभी सीनियर टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाया। रायुडू से बहुत पहले ही इन खिलाड़ियों को टीम इंडिया में एंट्री मिल गई।
रायुडू में एक दिग्गज खिलाड़ी की छवि दिखी थी साल 2002 में, जब उनकी कप्तानी में इंडिया अंडर-19 की टीम इंग्लैंड टूर पर गई। रायुडू ने सीरीज के एक मैच में 169 गेंदों 177 रन ठोक दिए। भारतीय टीम वह सीरीज 3-0 से जीतकर लौटी थी। रायुडू की 177 रन की धमाकेदार पारी के समय कमेंट्री कर रहे डेविड लॉयड ने कहा था, अगर काउंटी क्रिकेट की टीमें इस खिलाड़ी को अभी खेलते हुए देख रही हैं, तो इसे तुरंत अपनी टीम शामिल कर लें। विश्व स्तर पर ये रायुडू के हुनर की पहली धमक थी।
क्रिकेट के हुनर से भरे इस खिलाड़ी को उनके गुस्से के अलावा कोई और आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता था। कहा जाता है न कि प्रतिभा के साथ सामंजस्य बैठना बड़ी उपलब्धि होती है। जो सचिन ने कर दिखाया, धोनी ने किया और विराट फिलहाल इसके ताजा उदाहरण हैं। रायुडू से ये नहीं हो पाया। टीम में जगह नहीं मिलने की निराशा और गुस्से को उन्होंने किसी के साथ बदतमीजी, तो कभी मैदान पर की अभद्रता के चलते टीम से निकाला।
बीसीसीआई से पंगा उस वक्त ले ले लिया, जिस समय टीम इंडिया में नए खिलाड़ियों के लिए मौके अधिक बन रहे थे। खासकर टी-20 क्रिकेट में, लेकिन रायुडू ने बीसीसीआई के विरोध में खड़ी आईसीएल से जुड़कर टीम इंडिया में शामिल होने के दरवाजे पर ताला लटका दिया। बाद में बीसीसीआई ने माफी दी, 2010 के आईपीएल में मुंबई इंडियंस में जगह मिली और फिर 2017 तक रायुडू मुंबई इंडियंस के हिस्सा रहे। लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया।
साल 2006 में हैदराबाद के खिलाड़ी अर्जुन यादव के साथ मैदान पर हुआ उनका झगड़ा काफी चर्चित रहा, अर्जुन यादव रायुडू के पीछे विकेट लेकर दौड़े थे। आईपीएल में हरभजन सिंह के साथ बीच मैदान पर बहस, इन सब विवादों ने रायुडू के क्रिकेट के रिकॉर्ड को कभी चर्चा का विषय ही नहीं बनने दिया।
हाल ही में विश्व कप के लिए टीम इंडिया में चयन नहीं होने के बाद, उन्होंने चयनकर्ताओं को लेकर तंज कसा था और फिर जोश में होश खोकर संन्यास का एलान कर दिया फिर कुछ दिन बाद संन्यास तोड़ भी दिया। रायुडू के पास क्रिकेट का अथाह टैलेंट है। पिच पर जमकर खेलते हैं और साबित भी किया है।
चेन्नई सुपर किंग्स को 2018 के आईपीएल का खिताब दिलाने में रायुडू का योगदान अहम है। क्या खेल दिखाया था उस साल, लेकिन एक असफलता से निराश होकर उन्होंने अपने करियर पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया। फिलहाल वह खेलने के लिए तैयार हैं, आईपीएल में चेन्नई की पीली जर्सी में दिखेंगे। उनपर टीम इंडिया की नीली जर्सी कब चढ़ेगी, यह देखना होगा। रायुडू को एकबार फिर से यदि भारत के लिए खेलना है, तो हुनर और धैर्य दोनों के बीच तालमेल बैठाना होगा। नहीं तो उनका अथाह क्रिकेट का टैलेंट पानी में बह जाएगा।
