बालों का झड़ना एक आम परेशानी है। आजकल हर दूसरा इंसान बाल झड़ने की समस्या से जूझ रहा है। हांलाकि बालों का झड़ना बड़ी परेशानी नहीं है बल्कि बालों का न उगना बड़ी परेशानी है। अगर किसी के सिर पर नए बाल नहीं उग रहें हैं तो ऐसे में गंजापन हो सकता है। 
ज्यादातर पुरूषों में बालों के झड़ने को बढ़ती उम्र से जोड़कर देखा जाता है। पर ऐलोपेसिया में ऐसा नहीं होता है। पुरूष हो या महिलाएं ऐलोपेसिया जैसी बीमारी किसी को भी हो सकती है। ये बीमारी किसी को भी हो सकती है।
इस तरह की बीमारी में शरीर के किसी भी हिस्से से बाल झड़ जाते हैं लेकिन ज्यादातर सिर से ही बाल झड़ते हैं। किसी भी महिला या पुरूष के सौ बाल तक झड़ना आम बात है लेकिन अगर इससे ज्यादा बाल झड़ते हैं तो ये एक परेशानी का कारण हो सकता है।
नए बालों के आने के बाद करीब दस फीसदी बाल बेकार होकर गिरने लगते हैं और नए बाल उगने लगते हैं। ये क्रम ऐसे ही चलता रहता है लेकिन ऐलोपेसिया में बाल गिरने की जगह पर गोल पैच सा बन जाता है।
इस बीमारी का इलाज बहुत ही महंगा होता है। इसमें ये बात मायने रखती है व्यक्ति के कितने बाल झड़ गए हैं और उसकी जगह पर कितने नए बाल लाने हैं। ऐलोपेसिया के इलाज में आमतौर पर हेयर विग, टॉपिकल क्रीम, लोशन, एंटी इंफ्लेमेटरी दवाओं से इसका इलाज किया जाता है।
इस बीमारी का इलाज बहुत ही महंगा होता है। इसमें ये बात मायने रखती है व्यक्ति के कितने बाल झड़ गए हैं और उसकी जगह पर कितने नए बाल लाने हैं। ऐलोपेसिया के इलाज में आमतौर पर हेयर विग, टॉपिकल क्रीम, लोशन, एंटी इंफ्लेमेटरी दवाओं से इसका इलाज किया जाता है।
