देवी बगलामुखी जयंती भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जाती है। देवी बगलामुखी दसमहाविद्याओं में आठवीं महाविद्या का रूप है। इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ माँ की पूजा-अर्चना की जाती है। इनकी साधना मुख्य रूप से नकारात्मकता पर विजय प्राप्त करने के लिए की जाती है। इनकी पूजा से घर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती। धन -धान्य की सभी समस्याओं का निवारण हो जाता है। माँ का सबसे प्रसिद्ध मंदिर नलखेड़ा में जहाँ माना जाता है की माँ बगलामुखी साक्षात विराजित हैं। यहाँ देवी की पूजा करना बहुत ही लाभकारी प्रमाणित होता है।
माँ बगलामुखी की स्तुति से दसों दिशाओं की रक्षा होती है। सारे ब्रह्माण्ड की शक्ति मिलाकर भी कोई देवी पर विजय प्राप्त नहीं कर सकता है। प्रत्येक क्षेत्र में विजय प्राप्त करने के लिए ही उनकी आराधना की जाती है। वह सर्वशक्तिशाली है तथा विपदाओं के समय सदैव अपने भक्तों की रक्षा करती है। माँ की उपासना से विभिन्न परेशानियां जैसे की शत्रु बाधा, गृह कलह, तिरस्कार , किसी भी प्रकार का भय या वाणी दोष, कोर्ट -कचहरी के मामलों का निवारण होता है। इनकी पूजा से व्यक्ति प्रतियोगिता व अदालत के मामलों में विजय प्राप्त करता है। अगर किसी व्यक्ति पर देवी माँ की कृपा हो तो उसे किसी प्रकार की हानि नहीं होती है।