(www.arya-tv.com)तापसी पन्नू की झोली फिल्मों से भरी हुई है। आलम यह है कि एक ही टाइमफ्रेम में उनकी दो स्पोर्ट्स जॉनर की फिल्में आ रही हैं। एक क्रिकेट को लेकर ‘शाबाश मिथु’ और दूसरी बतौर धावक ‘रश्मि रॉकेट’ है। फिल्म से जुड़े सूत्रों ने बताया, ” ‘रश्मि रॉकेट’ में तापसी का किरदार गुजरात के कच्छ के दूर दराज के इलाके से है। वह कच्छ के रण की रनर हैं। उसे ऑथेंटिक दिखाने के लिए तापसी ने कच्छ के अंगिया में मॉडिफिकेशन करवाया। वहां की युवतियां जो अंगिया पहनती हैं, उन्हीं में थोड़ी तब्दीली कर सलवार कमीज बनवाया गया और उस कॉस्ट्यूम में रनिंग के शॉट्स दिए। कॉस्ट्यूम की खोज में प्रोडक्शन की टीम कच्छ के पास भुजौरी गई। वहां के लोकल आर्टिस्टों कच्छ की फैब्रिक और ज्वेलरी को बनवाया गया।”
जनवरी में पूरी हो चुकी है ‘रश्मि रॉकेट’ की शूटिंग
‘रश्मि रॉकेट’ की शूटिंग तो जनवरी में ही पूरी हो चुकी है। पूरी फिल्म में तापसी तीन अलग लुक में नजर आएंगी। पहला लुक कच्छ के रण से ताल्लुक रखने वाली युवती का है। फिर नेशनल लेवेल पर उनका सेलेक्शन होता है। वहां ज्यादा एक्सोपजर मिलता है, तो लुक बदलता है। तीसरा लुक उनके उस स्टेज से है, जब वो दुनियाभर में ट्रैवल करती हैं। स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल लेवेल पर जो स्पोर्ट्स के किट्स में बदलाव आता जाता है, उसमें डिजाइनिंग की गई है।
फिल्म की शूटिंग देश के 4 से 5 अलग शहरों में हुई
तापसी के करीबियों ने बताया, “फिल्म की शूटिंग देश के चार से पांच अलग शहरों में हुई है। अहम सीन मुंबई, पुणे, रांची और कच्छ के रण में फिल्माए गए। प्रोडक्शन और कॉस्ट्यूम की टीम तारीफ के काबिल है, जो उन्होंने मीडियम बजट में भी फिल्म को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। एक ग्रैंड लुकिंग फिल्म बनाने की कोशिश की गई है। फिल्म की शूटिंग बड़ी चैलेंजिग भी रही। कोरोना काल के चलते टुकड़ों-टुकड़ों में डेट्स की तब्दीलियों में टीम ने अलग-अलग शेड्यूल में काम किया। कॉस्टयूम वगैरह तो खरीद कर रख लिए गए थे। मेकर्स उन्हें मार्केट में रिटर्न भी नहीं कर सकते थे। वो ‘डेड स्टॉक’ रह गया।”
कैरेक्टर की बॉडी लैंग्वेज में जाने के लिए 5 से 6 घंटे करती ट्रेनिंग थीं तापसी
प्रोडक्शन टीम ने बताया, “लॉकडाउन खुलने के बाद फिल्म की कास्ट भी बदल गई थी। उनके हिसाब से फिर सबके कॉस्ट्यूम आदि नए लेने पड़े। परिस्थिति ऐसी बनी कि लॉकडाउन खुलते ही प्रोडक्शन डिजाइनर, मेकअप आर्टिस्टों और कॉस्ट्यूम डिजाइनरों की पेंडिंग पड़ी तीन से चार फिल्में भी एक साथ शुरू हो गई थीं। ऐसे में सबको 18-18 घंटे काम करना पड़ रहा था। तापसी पिछले साल सितंबर के आसपास तो साउथ की एक फिल्म भी शूट कर रहीं थीं। वो वहां 12 घंटे साउथ की फिल्म की शूटिंग करती थीं, उसके बाद ‘रश्मि रॉकेट’ के कैरेक्टर की बॉडी लैंग्वेज में जाने के लिए पांच से छह घंटे ट्रेनिंग करती थीं। फिर साउथ की फिल्म पूरी कर, जब वे ‘रश्मि रॉकेट’ के लिए आईं तो बॉडी में चेंजेज दिखाने के लिए भी वही 18 घंटे के शेड्यूल फॉलो करती रहीं।”