(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में कोरोना के मद्देनजर पंचायत चुनाव की मतगणना रोकने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव की मतगणना कराने की इजाजत दे दी है, लेकिन जीत के बाद जश्न पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हमने राज्य चुनाव आयोग की ओर से रखी गई बातों को नोट किया। हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने की जरूरत नहीं समझते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो प्रोटोकॉल हमारे सामने रखा गया, उसका पूरी तरह पालन हो। मतगणना केंद्र के बाहर सख्त कर्फ्यू हो और कोई विजय रैली न निकाली जाए।
SC के जस्टिस ऋषिकेश राय ने कहा कि 800 मतगणना केंद्र हैं। अगर हम मतगणना की अनुमति देते हैं तो क्या हमें हर केंद्र के लिए किसी एक अधिकारी का नाम बताया जा सकता है जो प्रोटोकॉल पालन के लिए जवाबदेह होगा। अधिकारी जॉइंट सेक्रेट्री स्तर का होना चाहिए
यूपी सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा
वकील ने कहा कि हर जिले के लिए प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर का अधिकारी नियुक्त किया जा रहा है, जो कोविड प्रोटोकॉल का पालन करवाएगा। इस पर जज ने कहा- अधिकारी सिर्फ निगरानी न करे। उसकी जवाबदेही भी हो। आप अधिकारियों के नाम अपनी वेबसाइट पर डालें। वहीं दूसरी याचिकाकर्ता ने मांग की कि, मतगणना केंद्र पर CCTV कैमरा लगाया जाए। हम मतगणना अधिकारियों की सुरक्षा चाहते हैं। इस पर जज ने कहा कि, हर याचिकाकर्ता को संतुष्ट नहीं किया जा सकता हैं।
कोर्ट में क्या-क्या बहस हुई
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से वकील भाटी ने कहा कि मतगणना केंद्र के बाहर स्थिति नियंत्रित रखने के लिए सुरक्षाकर्मी होंगे। परिणाम लाउड स्पीकर से बताए जाएंगे। जज ने पूछा कि शिक्षक संघ ने कहा है कि अब तक 700 लोग मर गए। भाटी ने कहा कि जांच हो रही है। जहां चुनाव नहीं वहां भी कोविड तेज है। दिल्ली में भी कोविड बढ़ रहा है। यूपी सरकार की वकील ने कहा कि, 27 अप्रैल को HC ने भी इस स्थिति पर संज्ञान लिया था। हम जांच रिपोर्ट HC को देंगे। वहां 3 मई को सुनवाई है। यह भी पता लगा रहे हैं कि जिन्हें कोरोना हुआ, वह चुनाव कार्य के चलते हुआ या पहले।