- देशहित में प्रधानमंत्री के 3 मई तक लॉकडॉउन का निर्णय:योगी आदित्यनाथ
- मुख्यमंत्री द्वारा लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा की बैठक अपने आवास पर की गयी जिसमें उनके द्वारा आम जनता से जुड़ी तमाम सुविधाओं पर विस्तृत चर्चा हुई
- भारत की 130 करोड़ जनता के उत्तम स्वास्थ्य एवं सुरक्षित भविष्य के लिए उठाया गया यह अत्यन्त महत्वपूर्ण कदम
- कोविड-19 के संक्रमण का प्रसार न हो, इसके लिए पूरी सुरक्षा और सतर्कता बरती जाए
(www.arya–tv.com)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लाॅकडाउन की कार्यवाही को 03 मई, 2020 तक बढ़ाए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि भारत की 130 करोड़ जनता के उत्तम स्वास्थ्य एवं सुरक्षित भविष्य के लिए उठाया गया यह अत्यन्त महत्वपूर्ण कदम है। उत्तर प्रदेश में लाॅकडाउन की कार्यवाही को पूरी मजबूती के साथ लागू किया जाएगा। प्रदेश सरकार एवं प्रशासन, हजारों स्वयंसेवी संगठन तथा संस्थाएं 23 करोड़ जनता की सेवा में दिन-रात लगकर कोरोना वायरस कोविड-19 को परास्त करेंगे।
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में कोविड-19 पर नियंत्रण हेतु लागू लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आकस्मिकता की स्थिति में प्रदेशवासियों को समुचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा की आपातकालीन सेवाओं को प्रारम्भ किया जाना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत सभी राजकीय अस्पतालों एवं आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं यथाशीघ्र शुरू की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं से कोविड-19 के संक्रमण का प्रसार न हो, इसके लिए पूरी सुरक्षा और सतर्कता बरती जाए। आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए भी अस्पतालों को पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, क्योंकि यह देखा गया है कि आकस्मिकता की स्थिति में अस्पतालों में आने वाले किडनी, लिवर, हार्ट आदि की गम्भीर बीमारियों के कतिपय रोगियों में बाद में कोविड-19 के संक्रमण का पता चलता है, इससे पूरी मेडिकल टीम के संक्रमित होने की आशंका बन जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव व उपचार के सम्बन्ध में स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभागों द्वारा मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से जनपद स्तर पर व्यापक रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं। इसके अन्तर्गत प्रतिदिन अलग-अलग लोगों यथा चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ तथा एन0सी0सी0, एन0एस0एस0 आदि से जुड़े स्वयं सेवकों आदि की ट्रेनिंग निरन्तर करायी जाए।