(www.arya-tv.com)13, 500 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) बैंक घोटाले का आरोपी मेहुल चौकसी अब दो कैरेबियन देशों की सरकारों के लिए मुश्किल का सबब बन गया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एंटीगुआ और बरबुडा की सरकार चाहती है कि चौकसी को डोमिनिका से सीधे भारत के हवाले कर दिया जाए। वो अब उसे अपने देश वापस नहीं आने देना चाहती।
चौकसी इस वक्त डोमिनिका पुलिस की हिरासत में है और उसे इलाज के लिए वहां के अस्पताल में रखा गया है। पिछले हफ्ते वो एंटीगुआ से बोट के जरिए गैरकानूनी तौर पर डोमिनिका पहुंचा था। जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। गुरुवार को उसे डोमिनिका की अदालत में पेश किया गया था। वो वापस एंटीगुआ भेजे जाने की मांग कर रहा है। अदालत इस पर जल्द फैसला सुना सकती है।
बोझ बन गया भगोड़ा कारोबारी
न्यूज एजेंसी ने मेहुल चौकसी पर दो सरकारों के सिरदर्द की जानकारी लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से दी है। लोकल मीडिया ने एंटीगुआ-बरबुडा सरकार की कैबिनेट मीटिंग की जानकारी दी है। इसमे कहा गया है कि एंटीगुआ सरकार ये चाहती है कि चौकसी को डोमिनिका से एंटीगुआ लाए बगैर ही वहां से सीधे भारत भेज दिया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक- एंटीगुआ सरकार मानती है कि चौकसी उनके लिए परेशानी बन गया है। अब वो इस परेशानी को डोमिनिका से वापस नहीं लाना चाहती, बल्कि वहीं से उसे भारत के हवाले करना चाहती है। इस बारे में खुफिया एजेंसियां तमाम जानकारियां जुटा रही हैं।
अब तक क्या हुआ
मेहुल के पास 2018 से एंटीगुआ-बरबुडा की नागरिकता है। 23 मई को वो कथित तौर पर यहां से बोट के जरिए डोमिनिका पहुंचा। उसके साथ एक महिला भी थी। चौकसी को देश में गैरकानूनी तौर पर घुसने के आरोप में हिरासत में लिया गया। फिर उसकी कुछ तस्वीरें सामने आईं। उसकी आंख और हाथ पर चोट के निशान और सूजन दिखाई दी। चौकसी के वकील ने उससे मारपीट के आरोप लगाए। वकील ने कहा- उसे एंटीगुआ वापस भेजा जाना चाहिए। भारत भेजने का तो सवाल ही नहीं है। चौकसी मर्जी से एंटीगुआ नहीं आया, बल्कि उसे जॉली हॉर्बर से किडनैप किया गया था।