आर्य टीवी डेस्क। कोरोना वायरस ने दुनिया को डरा दिया है। इस वायरस से जितना लोग डरे हैं उससे ज्यादा गलतफहमियों से। कोरोना को लेकर तमाम अफवाहें उड़ रही हैं। आइए, जानते हैं कोरोना वायरस से जुड़ी गलतफहमियां और उनकी सच्चाई।
लोगो को बताया जा रहा है कि गर्म पानी से नहाने पर कोरोना वायरस इंफेक्शन से बचा जा सकता है जबकि ऐसा नहीं है। इंफेक्शन से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप बार-बार साबुन और पानी से अच्छी तरह से हाथ धोते रहें। अगर पानी से हाथ धोना संभव ना हो तो हैंड सैनिटाइजर यूज करें जिसमें 60 से 70 प्रतिशत ऐल्कोहल हो।
गलतफहमी : चीन और दूसरे देश, जहां कोरोनो के मामले ज्यादा हैं, वहां की बनी चीजों से भी कोरोना फैल सकता है।
सच : बहुत मुश्किल है कि अलग-अलग स्थितियों और तापमान के बीच, अलग-अलग जगहों पर ट्रैवल करने के बावजूद यह वायरस जिंदा रहे।
गलतफहमी : पूरे शरीर पर ऐल्कॉहॉल स्प्रे करने से कोरोना से बच सकते हैं।
सच : ऐल्कॉहॉल स्प्रे करने से वह वायरस नहीं मरेगा, जो आपके शरीर में पहले ही जा चुका है। ऐल्कॉहॉल मुंह, आंख, नाक के लिए नुकसानदेह हो सकता है। लिहाजा ऐल्कॉहॉल को पूरे शरीर में स्प्रे करने की बजाए हैंड सैनिटाइजर के तौर पर इसका इस्तेमाल करें ताकि आप इंफेक्शन से बचे रहें।
गलतफहमी :पालतू जानवर कोरोना फैला सकते हैं।
सच : अभी ऐसा कोई सबूत नहीं है कि आपके पालतू कुत्ते या बिल्ली को कोरोना हो सकता है लेकिन फिर भी अपने पालतू जानवरों जैसे- डॉग या कैट को छूने के बाद अच्छी तरह से हाथ धो लेना बेहतर होगा।
गलतफहमी : सभी को यूज करना चाहिए N95 मास्क।
सच : ऐसे हेल्थ केयर वर्कर, जो कोरोना पीड़ित के आसपास काम करते हैं, उन्हें ही N95 मास्क की जरूरत है। आम लोग, जिनमें कोई लक्षण नहीं है, उन्हें किसी मास्क की जरूरत नहीं है। हालांकि, किसी भी तरह के वायरस के खतरे से बचने के लिए अगर आप मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो यह फायदेमंद है।
साभार— हिंदुस्तान