जाने कब बनकर तैयार होगा अयोध्या में श्रीराम मंदिर

Agra Zone UP

अयोध्या।(www.arya-tv.com) श्रीराम मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से हो रहा है एक ओर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की तैयारियां शुरू कर दी हैं, तो दूसरी ओर नव्य अयोध्या की उम्मीद भी परवान चढऩे लगी है। गत नौ नवंबर को सुप्रीम फैसला आने के साथ ही सरकार ने रामनगरी की तस्वीर बदलने की तैयारी शुरू कर दी थी।

अब इस दिशा में सरकार के प्रयास सामने भी आने लगे हैं। प्रदेश सरकार ने रामनगरी को उच्चीकृत करने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी नगर एवं ग्राम्य नियोजन विभाग को सौंपी है। विभाग ने टेंडर करा कर मास्टर प्लान तैयार करने का काम कोलकाता की प्रतिष्ठित स्टेसलाइट प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा है।

कंपनी नगर निगम, स‍िंचाई विभाग, विकास प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण, पीडब्लूडी, बिजली विभाग, जलकल आदि विभागों से आंकड़े एकत्रित कर रही है। मास्टर प्लान में मौजूदा संसाधनों-सुविधाओं को शामिल करते हुए नई अयोध्या के विकास का खाका खींचा जा रहा है।नई अयोध्या 388 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में होगी।

सीवर लाइन, पेयजल, बस अड्डा, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, पार्क, फारेस्ट, मुख्य आंतरिक मार्ग, आउटर ङ्क्षरग रोड, झील, तालाब और चौड़ी सड़कें शामिल होंगी। मास्टर प्लान 2031 की जनसंख्या एवं और उसकी जरूरतों को ध्यान में रख कर बन रहा है। इलाकाई विधायक वेदप्रकाश गुप्त के अनुसार, अगले कुछ माह में मास्टर प्लान तैयार हो जाएगा। इसी हिसाब से केंद्र एवं राज्य सरकार नव्य अयोध्या के लिए धन अवमुक्त करेगी।

राम की पैड़ी के कायाकल्प, एयरपोर्ट विस्तार व भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा नव्य अयोध्या की चमक में चार-चांद लगाएगी। पौराणिक महत्व के कुंडों एवं हेरिटेज पार्क भी विकसित करने की तैयारी चल रही है।

राममंदिर के शिलान्यास के लिए आगामी दो अप्रैल को रामजन्मोत्सव, आठ अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा एवं 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया की तिथि संभावित मानी जा रही है। प्रशासन की योजना के अनुसार शिलान्यास के मौके पर जब रामनगरी की ओर करोड़ों निगाहें हों, तब तक अयोध्या की सूरत कुछ हद तक बदल चुकी हो।

महापौर रिषिकेश उपाध्याय कहते हैं पार्क और उत्कृष्ट मूलभूत सुविधाओं को समायोजित कर रामनगरी को स्मार्ट सिटी बनाने की रूप रेखा तैयार की गई है। अयोध्या के प्रवेशद्वार जालपा चौराहे से रामघाट तक करीब साढ़े चार किलोमीटर का विश्वस्तरीय रास्ता बनाया जाएगा।