चीन में तीन बच्चों की नीति:सरकार चाहती है तीन बच्चे पैदा करें कपल्स, युवा शादी से पहले नसबंदी करा रहे

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(www.arya-tv.com)सरकारों को कभी-कभी सख्ती भारी भी पड़ जाती है। अब चीन को ही ले लीजिए। एक ऐसा देश, जिसके बारे में दुनिया सिर्फ उतना ही जानती है, जितना वो बताता है। 1979 में उसने ‘सिंगल चाइल्ड’ पॉलिसी यानी एक दंपति एक बच्चा नीति थोपी। जन्मदर गिरती चली गई। युवाओं की तुलना में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ी। सरकार पर अंधाधुंध विकास की सनक सवार थी। 2016 में नींद खुली तो कपल्स को दो बच्चों की मंजूरी दी गई। अब पांच साल बाद यह संख्या 3 कर दी गई है।

सरकार को जो करना था, उसने कर दिया। लोकतंत्र तो है नहीं कि समाज के अलग-अलग हिस्सों से बातचीत की जाती, उनकी रजामंदी और सलाह ली जाती। बस, फैसला सुनाना था, सो सुना दिया, लेकिन सरकार भूल गई कि लोग अब एक से ज्यादा बच्चे चाहते ही नहीं। ये भी शायद कम था कि एक रिपोर्ट ने शी जिनपिंग के माथे पर पसीना ला दिया। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में कुछ युवा पुरुष शादी से पहले ही नसबंदी करा रहे हैं, उनके लिए पैसा, शोहरत और कॅरियर ही सब कुछ हैं। चलिए, कुछ अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से चीन में चल रही इस चकल्लस के बारे में कुछ और बातें जानने की कोशिश करते हैं।

क्या कहते हैं लोग?
35 साल के हू डेइफेंग सिचुआन में रहते हैं और पहले माइग्रेशन सेक्टर में काम करते थे। वे कहते हैं- मैं तो एक से ज्यादा बच्चे के बारे में सोच भी नहीं सकता। पहले ही बहुत मुश्किल थी। मां बीमार हुईं तो परेशानी बहुत बढ़ गई। मुझे लगता है हम जिंदा तो हैं, लेकिन जी नहीं पा रहे। हू की मां भी नहीं चाहतीं कि उनका बेटा ताउम्र काम करता रहे और इसके बाद भी कर्ज के बोझ तले दबा रहे।

आईटी कंपनी में काम करने वाली लि युंग कहती हैं- समाज ही नहीं चाहता कि हम एक या दो से ज्यादा बच्चों को जन्म दें। यंग जेनरेशन तो एक से ज्यादा बच्चों के बारे में सोचना भी नहीं चाहती। अब सरकार भले ही कुछ भी ऑफर करे, कोई तीन बच्चे नहीं चाहेगा।

सोशल मीडिया पर भी मुद्दा गर्म है
चीन में ट्विटर की तर्ज पर वीबो प्लेटफॉर्म है। यहां लोग बता रहे हैं कि एजुकेशन कितनी महंगी है, मकानों के दाम आसमान पर हैं और काम के घंटों का तो कोई हिसाब ही नहीं। ऐसे में तीन बच्चों को पालना नामुमकिन जैसा है।

वीबो पर एक यूजर ने कहा- तीन बच्चों की सलाह देने वालों को बाहर निकालिए। क्या आप इन बच्चों को पालने में हमारी मदद करेंगे? उन्हें मकान देंगे? कुछ सर्वे भी कराए गए, लेकिन इनमें भी लोग नई पॉलिसी को लेकर ज्यादा उत्साहित नजर नहीं आए।

सरकार क्या छिपा रही है?
जिनपिंग सरकार नई पॉलिसी का सच भी लोगों को बताने को तैयार नहीं। CNN की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया- सरकार ने 3 बच्चा नीति पर लोगों को मदद का भरोसा तो दिया है, लेकिन ये मदद क्या और कैसी होगी? इस पर कुछ बताने को तैयार नहीं है। हेबई यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लू होंगपिंग कहते हैं- पांच साल में एक अच्छी बात हुई। मैटरनिटी लीव 160 दिन कर दी गई। इसके अलावा कुछ नहीं। लोगों को भरोसा नहीं है, इसलिए परिवार सिकुड़ते जा रहे हैं।