बलरामपुर का उतरौला इलाका कभी आतंकवादी तो कभी छांगुर बाबा के नाम से देश और विदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. छांगुर बाबा की आलीशान कोठी के ठीक पीछे चांद औलिया दरगाह है जिस पर हर वर्ष 13 जुलाई को उर्स मनाया जाता था.
इस उर्स में देश के तमाम जाने-माने शायर मुशायरे के लिए यहां पहुंचते थे. इस बार भी आयोजन की तैयारी थी और इसके लिए होडिंग बैनर भी लगा दिए गए थे लेकिन प्रशासन ने उर्स की अनुमति न देकर पानी फेर दिया है.
दरगाह के बगल में है छांगुर की कोठी
आपको बता दें की बलरामपुर जिले से करीब 35 किलोमीटर दूर उतरौला क्षेत्र में मधपुर गांव में ‘चांद औलिया दरगाह’ स्थित है. इसी के ठीक बगल एक आलीशान कोठी भी खड़ी है जो जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की है. छांगुर बाबा का नाम धर्मांतरण के मामले में आने के बाद जब जांच शुरू हुई तो विदेशी फंडिंग और स्थानीय वा अन्य राज्यों में धर्मांतरण के कई मामले उजागर हुए.
इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने उसकी संपत्ति की जांच की तो उसके पांच बीघा में बनी आलीशान कोठी जिसका प्रयोग डिग्री कॉलेज के तौर पर होना था, जिसके बीच दो बिस्सा जमीन सरकारी निकली जिसको प्रशासन ने नोटिस देकर बुलडोजर से खाली करा लिया है. इसे खाली कराने में तीन दिन का समय लगा लेकिन प्रशासन ने आलीशान इमारत का एक हिस्सा ढहा दिया.
घटना से प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना
उतरौला के मधपुर जैसे छोटे इलाके में इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बाद प्रशासन बहुत ही चौकन्ना नजर आ रहा है. प्रशासन ने किसी भी तरह के आयोजन पर रोक लगा दी है. उतरौला एसडीएम राजेंद्र बहादुर ने बताया कि जानकारी के मुताबिक 13 जुलाई को छांगुर बाबा व उनके सहयोगियों की बिल्डिंग के ठीक पीछे जो ‘चांद औलिया दरगाह’ बनी हुई है वहां उर्स का आयोजन होना सुनिश्चित हुआ था, जिसकी तमाम होडिंग भी उतरौला क्षेत्र में लगाई गई थी, लेकिन इस उर्स में हजारों की संख्या लोग शामिल होते इसीलिए उर्स की अनुमति नहीं दी गई है. यह निर्णय जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से लिया है.
उन्होंने बताया कि अभी कई सुरक्षा एजेंसी जमालुद्दीन और छांगुर बाबा व उनके सहयोगियों की जांच कर रही है ऐसे में इनकी बिल्डिंग का अगला गेट कार्रवाई के दौरान ढहा दिया गया था. इसके मकान में दाखिल होने का एक पिछला गेट है जो दरगाह के पास है ऐसे में अगर उर्स का आयोजन होता है तो तमाम टेंट, बल्ली और सजावट की जाएगी जिससे मार्ग अवरुद्ध होगा. इससे कभी भी अगर कोई भी जांच एजेंसी छांगुर बाबा मामले की जांच के लिए उनकी बिल्डिंग तक पहुंचती है तो उसे आने-जाने में भी असुविधा होगी इसलिए यह निर्णय लिया गया है.