(www.arya-tv.com) भारत के कई हिस्सों में मार्च के महीने में ही गर्मी का मौसम दस्तक देने लगता है। गर्म और उमस भरे मौसम में केवल एक ही चीज़ है, जो लोगों को राहत देती है और वह है दही, नींबू या किसी भी मौसमी फलों से बना ताज़ा शरबत। वैसे तो भारत में Summer drinks की कई वराइटी है लेकिन हम आपको दो ऐसे शरबतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी प्यास बुझाने के साथ-साथ, दिलो-दिमाग को तरोताजा कर देगा।
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत में शीतल पेय या ठंडी ड्रिंक्स की एक लंबी लिस्ट है, जो मौसम के प्रतिबंधों से परे है। ये पेय हमें स्वाद, पुरानी यादों और खुशी से भर देते हैं और इसिलिए आज हम आपको बाबरी बियोल व तिखुर शरबत के बारे में बताने जा रहे हैं। जो गर्मियों के दिनों में भी आपको तरोताजा कर देगा।
बाबरी बियोल
भारत के उत्तरी क्षेत्र का मशहूर और जम्मू व कश्मीर में प्रसिद्ध ‘बाबरी बियोल’, तुलसी के बीज या सब्जा के बीज से बना एक पारंपरिक पेय है, जिसे गर्मियों में पिया जाता है। अपने हल्के और ताज़ा स्वाद के लिए जाना जाने वाला बाबरी बियोल, दूध, पानी, तुलसी के बीज और नारियल जैसी साधारण सामग्री से बनाया जाता है। स्थानीय भाषा में, इसे ‘कान शरबत’ भी कहाते हैं। कान का मतलब कीमती रत्न होता है। इस पेय के लिए कान का संदर्भ बीज हैं, जो पानी में भिगोए जाने पर फूल जाते हैं और मोतियों जैसे दिखते हैं।
बाबरी बियोल की सामग्री व बनाने की विधि
- 500 ml उबला दूध
- एक चुटकी केसर
- 1/2 छोटा चम्मच हरी इलायची पाउडर
- 25 ग्राम बाबरी बियोल/तुलसी के बीज
- 25 ग्राम कटे हुए कटे बादाम और पिस्ता।
- 1 कप पानी
- 2 बड़े चम्मच कद्दूकस किया हुआ सूखा नारियल या 200 मिली नारियल का दूध
- स्वाद अनुसार चीनी
बनाने का तरीका
- तुलसी के बीजों को 1 कप पानी में कम से कम 3 से 4 घंटे के लिए भिगो दें।
- जब ये फूलने लगें, तो एक कन्टेनर में दूध उबालें और इलायची पाउडर डालें।
- इसे ठंडा होने दें और फिर भीगे हुए तुलसी के बीज डालें।
- स्वादानुसार चीनी डालें और चम्मच से हल्का सा मिला लें।
- इस मिश्रण में कसा हुआ सूखा नारियल या नारियल का दूध डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
- केसर और सूखे मेवे छिड़कें और 5 से 6 घंटे के लिए ठंडा करें। यह पेय ठंडा होने पर ही अच्छा लगता है।
तिखुर शरबत
पूर्वी राज्य छत्तीसगढ़ का एक और अनूठा पेय है तिखुर, जिसे पालो के नाम से भी जाना जाता है। यह करक्यूमा अंगुस्टिफोलिया नाम की एक स्वदेशी जड़ी बूटी का रुट स्टेम होता है। ईस्ट इंडियन एरोरूट के नाम से जाना जाने वाला यह पेय कई दिनों की मेहनत के बाद, तैयार होता है।
यह मेहनत, इस स्वदेशी जड़ी बूटी को उगाने से शुरू होती है। इसके बाद इसे साफ किया जाता है और इसका पेस्ट बनाया जाता है, जिसे रात भर भिगोकर रखा जाता है, ताकि अवशेषों को अलग किया जा सके। फिर इसे धूप में सुखाया जाता है और घुलनशील ग्लोब्यूल्स तैयार किए जाते हैं। कार्बोहाइड्रेट से भरपूर, इन ग्लोब्यूल्स से बना मीठा पानी वाला पेय हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है और शरीर को ठंडा रखने में भी मदद करता है।
तिखुर शरबत की सामग्री और बनाने की विधि
- 2 बड़े चम्मच सूखे पालो या तिखुर ग्लोब्यूल्स
- मिश्री या रॉक शुगर के 2 बड़े ब्लॉक (वैकल्पिक रूप से, सामान्य चीनी का भी उपयोग किया जा सकता है।)
2 कप पानी
बनाने का तरीका
- एक बड़े जग या बड़े गिलास में थोड़ा पानी और तिखुर ग्लोब्यूल्स डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
- मिश्री या रॉक शुगर को पानी से साफ करें और तिखुर के मिश्रण में मिला दें।
- अब इसे ढक दें और ठीक से घुलने का इंतज़ार करें।
- अच्छी तरह से मिलाएं और एक महीन-जाली वाली छलनी के माध्यम से मिश्रण को छान लें।
परोसने से पहले बर्फ के टुकड़े मिलाएं।