नई दिल्ली। कश्मीर मसले को लेकर पाकिस्तान ने राहुल गांधी के बयान को कोट किया तो कांग्रेस में खलभली मच गई। राहुल गांधी समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वहीं बीजेपी नेता राहुल के बयान पर तंज कस रहे हैं। आइए जानते हैं किसने क्या कहा।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी सदन में सलाव उठाया था कि क्या कश्मीर का मसला आंदरूनी है? हालांकि अब वह भी मान रहे हैं कि कश्मीर हमारा इंटरनल मामला है।
वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि मैं कई मसलों पर सरकार से असहमत हूं, लेकिन यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है। हालांकि पाकिस्तान ने जब उनके बयान को कोट किया तो राहुल रिवर्स हो गए और उन्होंने पाकिस्तान को खूब खरी खोटी सुनाई। राहुल ने कहा कि कश्मीर में पाकिस्तान की वजह से आतंकवाद बढ़ रहा है। कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। इसमें पाकिस्तान या फिर किसी दूसरे देश को हस्तक्षेप करने की कोई जगह नहीं है।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि टेररिस्ट पाकिस्तान से आते हैं। सरकार को हमेशा अलर्ट रहना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भगवान करें कि राहुल गांधी को सद्बुद्धि मिले। राहुल की भाषा लग रही थी जैसे वह पाकिस्तान की भाषा है हालांकि बाद में वह बदले। गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि सब कुछ लुटाकर घर आए तो क्या आए।
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि आज राहुल के बयान को पाकिस्तान ने कोट किया। उसके बाद राहुल का ट्वीट आया कि यह भारत का निजी मामला है।
अमित शाह ने कहा कि कश्मीर के लिए जान दे देंगे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि बातचीत तभी होगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को अपनी धरती से खत्म नहीं कर लेता।
कश्मीर भारत का हिस्सा है। वहां सरकारें बन रही हैं। हम पड़ोसी देश से बात करेंगे पाक अधिकृत कश्मीर पर।
गुर्जर समुदाय के दो लोगों की हत्या
कश्मीर में गुर्जर समुदाय की दो लोगों की आतंकियों ने हत्या कर दी है। इसके बाद से गुर्जर समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए सरकार से आतंकियों को मार गिराने की मांग की है।
सदन में क्या बोले थे अधीर रंजन
अधीर रंजन चौधरी ने गृह मंत्री से यह सवाल पूछ लिया कि जिस कश्मीर को लेकर शिमला समझौते और लाहौर डिक्लेरेशन हुआ है और जिस कश्मीर को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो को कहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है तो ऐसे में यह एकपक्षीय कैसे हो गया। आपने अभी कहा कि कश्मीर अंदरूनी मामला है, लेकिन यहां अभी भी संयुक्त राष्ट्र 1948 से मॉनिटरिंग करता आ रहा है। यह हमारा आंतरिक मामला कैसे हो गया? उन्होंने कहा कि सरकार 1994 में पास हुए प्रस्ताव कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग इस पर अपना रुख साफ करे।