फार्मासिस्टों का कार्य बहिष्कार:एसोसिएशन की चेतावनी 17 से पूर्ण बंदी के लिए होंगे मजबूर

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में फार्मासिस्टों का आंदोलन मरीजों के लिए आफत बनता जा रहा है। दूर-दराज से आ रहे मरीज अस्पताल बिना दवा के भटक रहे है। कई मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है। शनिवार को लगातार तीसरे दिन डिप्लोमा फार्मासिस्टों का कार्य बहिष्कार जारी रहा। उनके काम ठप रखने के कारण मरीजों को जांच से लेकर दवा मिलने तक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है, यही कारण है कि मरीजों के लिए असमंजस जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।

दो घंटे तक मरीजों को दवाई नहीं मिली

लखनऊ में लोकबंधु, बलरामपुर, सिविल, राम सागर मिश्र अस्पताल समेत तमाम अस्पतालों के फार्मासिस्ट अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच कार्य बहिष्कार के चलते दवा काउंटर बंद कर दिए। सुबह 8 बजे से ओपीडी में बैठे डॉक्टरों से मरीज जब इलाज कराकर दवा काउंटर पर पहुंचे तो काउंटर बंद मिले। एलडीए कॉलोनी स्थिति लोकबंधु अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने के बाद दवा के लिए काउंटर पहुंचे उमेश कुमार को 10 बजे के बाद भी दवा के लिए इंतजार करना पड़ा। कार्य बहिष्कार के कारण डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के औषधि काउंटर के बाहर का भी यही हाल रहा। यहां लंबी लाइन लगी रही। दो घंटे तक मरीजों को दवाई नहीं मिली।

 हमारी मांगे जायज हैं ..अध्यक्ष

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप बडोला ने कहा कि हमारी मांगे जायज हैं। चार दिसंबर से हम काला फीता बांधकर कार्य कर रहे थे। शासन को भी हमने ज्ञापन दिया था। हमारी बात नहीं सुनी जा रही है इसलिए हम कार्य बहिष्कार करने पर उतरे हैं। यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो 17 दिसंबर से हम पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार करेंगे। उसके बाद 20 दिसंबर से इमरजेंसी और पोस्टमार्टम सेवाओं को भी ठप कर दिया जाएगा।

इन मांगों को लेकर आंदोलन 

वेतन विसंगति को तत्काल दूर किया जाएं,दवा लिखने का अधिकार दिया जाए,पदों की संख्या बढ़ाई जाए,अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट के पद नाम में परिवर्तन किया जाए,प्रभार भत्ता ₹75 से बढ़ाकर ₹750 किया जाए