(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में बारिश और नदियों का जलस्तर बढ़ने से 22 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। नदियों के किनारे रहने वाले लोगों के घरों में पानी भर गया है। उधर, मौसम विभाग ने अगस्त के बाद सितंबर में भी भारी बारिश के आसार जताए हैं। मौसम विभाग ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दौरान प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से थोड़ा ज्यादा पानी गिरेगा। मौजूदा समय में यूपी के 19 जिलों में मानसून ज्यादा सक्रिय है, जहां आने वाले 7 दिनों तक तेज बारिश की संभावना है। लगातार बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में न्यूनतम तापमान इटावा में 19.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं खीरी में सबसे ज्यादा 35.7 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।
22 जिलों में बाढ़ जैसे हालात
घाघरा, सरयू, पांडु नदी, गंगा, मंदाकिनी, यमुना नदी किनारे बसे 22 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। नदियों के किनारे रह रहे लोगों के घरों में पानी पहुंच गया है। इसमें सहारनपुर, बिजनौर, महाराजगंज, कानपुर, प्रयागराज, चित्रकूट, वाराणसी, अयोध्या जैसे जिले शामिल हैं।
सहारनपुर में धारा-144 लागू, 7 गांव डूबे
सहारनपुर के बेहट में शिवालिक की पहाड़ियों में लगातार भारी बारिश हो रही है। जिससे घाड़ क्षेत्र में बरसाती नदियां उफान पर आ गई हैं। यहीं नहीं, बारिश के कारण यमुना का जलस्तर भी बढ़ गया है। ऐसे में जिला प्रशासन ने खतरे को देखते हथिनीकुंड बैराज पर धारा 144 लगा दी है, ताकि लोग वहां पर न जा सके। हथिनीकुंड बैराज से सोमवार को पानी छोड़ा गया था। इसके बाद 7 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद सोमवार को हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा गया था। पानी छोड़े जाने से गंगोह क्षेत्र के नाई माजरा, बल्लामजरा, हलवाना, सराजपुर, दौलतपुर, कुंडाकला, कुंडा खुर्द आदि गांव पर इसका असर देखने को मिल रहा है। वहां पर पानी बढ़ने लगा है। इससे बाढ़ का खतरा बना हुआ है। मंगलवार को भी सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार पांच दिनों तक रुक-रुककर बारिश हो सकती है।
बाराबंकी: बाढ़ के डर से ग्रामीण खुद तोड़ रहे हैं अपना आशियाना
जिले में सरयू नदी की बाढ़ अपना तांडव मचा रही है। नदी का जलस्तर कम होने के बाद नदी ने अपनी कटान शुरू कर दी है। रामनगर तहसील क्षेत्र के गांव कोरिनपुरवा में नदी ने कटान शुरू कर ग्रामीणों के होश उड़ा दिए हैं। ऐसे में ग्रामीणों ने अपना घर खुद ही तोड़ना शुरू कर दिया है। क्योंकि उन्हें आशंका है कि जिस तरह से नदी किनारों को काट रही है। उससे उनका घर जल्द ही नदी में समा जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण अपना जरूरी सामान भी लेकर भाग रहे हैं।
सीतापुर: नदी की कटान की जद में आया नौनिहालों का स्कूल
सीतापुर में शारदा और घाघरा नदियों का जलस्तर ज्यादा नही बढ़ रहा हैं लेकिन पानी के उतार चढ़ाव के कारण नदियां तेजी से कटान कर रही है। नदियों के कटान के चलते रेउसा ब्लाक के फ़ौजदारपुरवा में स्थित प्राथमिक विद्यालय का अस्तिव भी अब खतरे में नजर आ रहा है। नदियां इतनी तेजी से कटान कर रही है कि स्कूल के आस पास का इलाका और जमीन कटान की जद में आकर पानी मे समा चुका है। आशंका है जल्द ही स्कूल का अस्तिव भी खत्म हो जाएगा। लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे है। कटान पीड़ित संतराम का कहना है कि उनकी जीवन मे जो कुछ भी था वह सब नदी की धारा में समां चुका है।