(www.arya-tv.com)कानपुर में बिना गार्ड के मालगाड़ी चलाने की योजना रफ्तार पकड़ने लगी है। रविवार को यहां एक मालगाड़ी जूही यार्ड से टूंडला के लिए रवाना की गई। इस ट्रेन में गार्ड की जगह एक डिवाइस ईओटीटी (इंड ऑफ ट्रेन टेलीमेट्री) लगाई गई है, जो एक गार्ड के द्वारा दी जाने वाली सभी तकनीकी जानकारी ट्रेन के ड्राइवर और रेलवे परिचालन केंद्र तक दे रही थी। कानपुर जूही यार्ड से से निकलकर यह मालगाड़ी अपने निर्धारित समय पर टूंडला पहुंच गई।
रेलवे का यह पहला प्रयोग सफल रहा। कहा जा रहा है कि पहले चरण में मालगाड़ियों में गार्ड रहित ट्रेनों को चलाए जाने के लिए कई चरण के परीक्षण करेगा। उसके बाद इस व्यवस्था को स्थाई रूप से लागू किया जाएगा।
बरेका ने बनाया डिवाइस
भारतीय रेल ट्रेनों के संचालन को हाईटेक करने की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए बनारस रेल कारखाना (बरेका) और आरडीएसओ लखनऊ द्वारा एक नया उपकरण ईओटीटी बनवाया गया। यह उपकरण अत्याधुनिक मानवरहित और वायरलेस तकनीक युक्त है। इसके दो हिस्से हैं। एक हिस्सा जिसको कैब यूनिट (सीयू) कहते हैं। इसको लोकोमोटिव के भीतर कैब में लोको पायलट के पास और दूसरा हिस्सा जिसको रियर यूनिट (आरयू) कहते हैं, उसे आखरी कोच में लगाया जाता है।
यह दोनों यूनिट आपस में रेडियो वायरलेस तकनीक के द्वारा लिंक रहती हैं। इससे गार्ड द्वारा संचालित सभी कार्यों का लेखा-जोखा ड्राइवर और परिचालन केंद्र को लगातार मिलता रहता है। यह तकनीक किफायती और विश्वसनीय है।
रविवार को कानपुर स्टेशन पर एक मालगाड़ी में इस डिवाइस को फिट किया गया। इसके बाद मालगाड़ी (इंजन नंबर-32266) को जूही यार्ड से निकालकर टूंडला के लिए रवाना किया गया। सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद इस तकनीक का प्रयोग मालगाड़ियों के परिचालन में किया जाएगा।
ये है खासियत
- डिवाइस एक कम्युनिकेशन सिस्टम की तरह काम करती है।
- मालगाड़ी की एक-एक पल की गतिविधि डिवाइस में दर्ज होती है।
- मालगाड़ी के चलने से पहले डिवाइस ब्रेक पाइप और प्रेशर को चेक करने के बाद लोको पायलट को ग्रीन सिग्नल देती है।
- इसके बाद उपकरण लगातार लोको पायलट और कंट्रोल के संपर्क में रहता है।
- मालगाड़ी के दो हिस्सों में बंट जाने पर पायलट और कंट्रोल को इस डिवाइस से सूचना मिल जाएगी।