(www.arya-tv.com)ब्रिटेन में चल रही ग्रुप ऑफ सेवन यानी G7 की मीटिंग को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। इस समय दुनिया महामारी से जूझ रही है। ऐसे में सात बड़ी आर्थिक शक्तियां जी-7 समिट में कोविड-19 और इससे पैदा हुई तमाम मुश्किलों से बचने का रास्ता निकालने पर फोकस कर रही हैं।
जी-7 देशों के नेताओं ने शनिवार को गरीब देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए एक प्लान सामने रखा है। ये प्लान चीन के वन बेल्ड वन रोड (OBOR) प्रोजेक्ट के खिलाफ लाया गया है। इसे अमेरिका लीड करेगा। जी-7 नेताओं की मुलाकात में US प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने ये प्रस्ताव रखा था।
प्रस्ताव को बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड B3W नाम दिया गया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2013 में OBOR प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इस प्रोजेक्ट के जरिए चीन अपनी कनेक्टिविटी सीधे यूरोप तक बनाना चाहता है। कई देशों को लोन देकर चीन ने उन्हें अपने प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया है। दक्षिण एशिया में भूटान और भारत को छोड़कर सभी देशों ने इसे जॉइन कर लिया है।
महामारी को 100 दिनों के अंदर रोकने की योजना
जी-7 देशों के नेताओं ने आने वाली महामारी से 100 दिनों के अंदर निपटने की योजना बनाई है। इस प्रस्ताव पर जल्द अप्रूव किया जा सकता है। इसे कार्बिस बे डिक्लेरेशन नाम दिया गया है। ब्रिटेन ने बयान जारी कर कहा है कि जी-7 देशों के नोताओं ने इस डिक्लेरेशन को साइन करने पर मंजूरी दी है।
वर्चुअली जुड़ेंगे मोदी
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने नरेंद्र मोदी को भी इसमें शामिल होने का न्योता दिया था, लेकिन देश में बढ़ते कोरोना केस के बाद उन्होंने ब्रिटेन न जाने का फैसला लिया था। वे आज और 13 जून को वर्चुअली इसमें शामिल होंगे।
दो साल में यह पहला मौका है, जब दुनिया की सात बड़ी आर्थिक शक्तियों के नेता एक साथ-एक मंच पर नजर आ रही हैं। चीन और रूस अलग-अलग वजहों से G7 का हिस्सा नहीं हैं। इस बार मीटिंग की थीम है- Build Back Better