LU स्टूडेंट्स के लिए जरुरी खबर:परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय में कमेटी का गठन, कुलपति को जल्द सौंपेगी रिपोर्ट

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(www.arya-tv.com)लखनऊ विश्वविद्यालय ने परीक्षा या प्रोन्नत के संबंध में रूप रेखा तैयार करने के लिए शुक्रवार को एक समिति का गठन कर दिया। समिति में डीन आर्ट्स प्रो. आर अरविंद अवस्थी, डीन एजुकेशन प्रो. तृप्ता त्रिवेदी, डीन लॉ प्रो. सीपी सिंह, डीन कामर्स प्रो. आर के माहेश्वरी, डीन फाइन आर्ट्स प्रो. आलोक कुमार, डीन आयुर्वेद प्रो. पी सी सक्सेना, डीन यूनानी प्रो. जमाल अख्तर, फैकल्टी आफ इंजीनियरिंग के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. आरएस गुप्ता, रसायन विज्ञान के हेड प्रो. अरुण सेठी, शिया पीजी कालेज के प्राचार्य डा. मो. मियां, महिला पीजी कालेज की प्राचार्या डा. निशा गुप्ता, परीक्षाफल अधीक्षक प्रो. पीयूष भार्गव के साथ परीक्षा नियंत्रक प्रो. एएम सक्सेना को शामिल किया गया है। समिति को जल्द अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डा. दुर्गेश श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी।

कोरोना से मरने वाले माता-पिता के बच्चों का खर्च उठाएंगे एलयू के कुलपति और फैकल्टी –

लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले वे छात्र-छात्रा, जिनके माता या पिता अथवा दोनों लोगों का कोरोना से निधन हो गया है, उनकी पढ़ाई का खर्च कुलपति व फैकल्टी मेंबर्स उठाएंगे।शुक्रवार को कुलपति ने ऐसे सभी छात्रों के खर्च उठाने की घोषणा कार्य परिषद की बैठक में करते हुए सभी से मदत की अपील की।बैठक के दौरान ही रजिस्ट्रार,चीफ प्रॉक्टर, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर ने भी एक-एक ऐसे छात्र का खर्च वहन करने पर सहमति जताई।

शुक्रवार को कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की अगुवाई में कार्य परिषद की बैठक हुई।डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले ऐसे करीब 70 स्टूडेंट हैं, जिनके माता या पिता अथवा दोनों का निधन कोरोना से हो गया है।

कार्य परिषद की बैठक में जिन शिक्षकों अथवा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का कोविड-19 के कारण निधन हुआ, उनके आश्रितों को शासकीय नियमों के अधीन नियुक्ति की संस्तुति की गई। विश्विद्यालय के पीजी के आर्डिनेंस को भी मंजूरी दे दी गई है।इसके अलावा विश्विद्यालय के नए परिसर में सत्र 2021-22 से फार्मेसी संस्थान खोलने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया।

चार नए डीन की नियुक्ति पर लूटा ने खोला मोर्चा –

लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) ने कार्य परिषद में चार नए डीन बनाए जाने का प्रस्ताव पास किए जाने का विरोध किया है।अध्यक्ष डा. विनीत वर्मा और महामंत्री डा. राजेंद्र कुमार वर्मा का कहना है कि विश्वविद्यालय एक्ट की जिस धारा 49-C के तहत नए डीन के पद सृजन की बात की जा रही है, उसने कुलपति अधिकारी की नियुक्ति कर सकते हैं। डीन की नहीं। इन पदों से विश्वविद्यालय एक्ट में वर्णित विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष के अधिकार व दायित्व का अतिक्रमण होगा। साथ ही उनकी शक्तियां इन पदों के माध्यम से कुलपति के पास केंद्रित हो जाएंगी। अब इसके खिलाफ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से शिकायत की जाएगी।