ट्विटर ने वाइस प्रेसिडेंट का ‘ब्लू टिक’ हटाया, फिर लौटाया; आखिर यह हो क्या रहा है?

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(www.arya-tv.com)केंद्र सरकार ने फरवरी में नए IT नियम बनाए। इसे लेकर ट्विटर समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से केंद्र का विवाद चल रहा है। इस बीच, 5 जून को सुबह खबर आई कि ट्विटर ने भारत के वाइस प्रेसिडेंट एम. वेंकैया नायडू और संघ के कई नेताओं के पर्सनल ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया है। हालांकि, विवाद बढ़ा तो दो घंटे में ही ट्विटर ने ब्लू टिक लौटा दिया। इस दौरान वाइस प्रेसिडेंट ऑफिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर यह टिक लगा रहा।

ट्विटर ने वाइस प्रेसिडेंट के अकाउंट से ब्लू टिक क्यों हटाया?

  • ट्विटर का कहना है कि नायडू का अकाउंट जुलाई 2020 से इनएक्टिव था। इस वजह से कंपनी की नई वेरिफिकेशन पॉलिसी के तहत सिस्टम ने खुद-ब-खुद उनका ब्लू टिक हटा दिया। जब कंपनी के अधिकारियों तक यह विवाद पहुंचा तो उन्होंने मैनुअली इंटरवीन करते हुए ब्लू टिक लौटा दिया।
  • ट्विटर ने दो हफ्ते पहले ही अपनी ब्लू टिक पॉलिसी को तीन साल बाद फिर एक्टिव किया है। साथ ही गाइडलाइन भी जारी की है। इसके तहत अकाउंट कम से कम 6 महीने से एक्टिव होना चाहिए। साथ ही उस अकाउंट पर ट्विटर के नियमों का पालन भी दिखना चाहिए।
  • जहां तक नायडू के पर्सनल अकाउंट का सवाल है, उसे 13 लाख लोग फॉलो करते हैं। उनके ट्विटर अकाउंट से पिछले 11 महीने से कोई ट्वीट नहीं हुआ है। इस हैंडल से 23 जुलाई 2020 को आखिरी बार ट्वीट किया गया था। यानी ऑटोमेट तरीके से ब्लू टिक हटा होगा।
  • ट्वटिर के नियमों के अनुसार अगर आपका अकाउंट इनएक्टिव है या अधूरा है; जिस पोजिशन के लिए हैंडल वेरिफाई हुआ था, वह पोजिशन अब नहीं है, यानी अगर आप सरकारी अधिकारी थे, पर अब नहीं हैं तो ऐसी सभी परिस्थितियों में ब्लू टिक बिना किसी नोटिस के हटा दिया जाएगा।

ट्विटर के एक्शन पर शक क्यों किया जा रहा है?

  • भारत सरकार ने फरवरी में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइन जारी की थी। इसे लेकर ट्विटर और सरकार के बीच विवाद है। ट्विटर ने नई गाइडलाइन पर अमल नहीं किया है। कुछ दिन पहले कथित टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस ने ट्विटर इंडिया के दिल्ली और गुरुग्राम के दफ्तर पर छापे मारे थे।
  • इस बीच, नायडू के अकाउंट से ब्लू टिक हटने को लेकर IT मंत्रालय नाराज था। मंत्रालय का मानना है कि देश के वाइस प्रेसिडेंट के साथ ऐसा सलूक नहीं किया जा सकता। ट्विटर की मंशा गलत है। मामले में ट्विटर की दलील भी पूरी तरह गलत है।
  • सच तो यह है कि नायडू के साथ-साथ RSS के कई नेताओं के ट्विटर हैंडल से भी ब्लू टिक हट गया है। भाजपा मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने ट्विटर की इस एक्शन को भारत के संविधान पर हमला बताया। इसी तरह की प्रतिक्रिया अन्य नेताओं की भी आ रही है।

ट्विटर का ब्लू टिक वेरिफिकेशन प्रोग्राम क्या है?

  • ट्विटर ही नहीं बल्कि फेसबुक समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने वेरिफिकेशन प्रोग्राम बनाया है। इसके तहत ब्लू टिक दिया जाता है। फरवरी में केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया के लिए जो गाइडलाइन जारी की थी, उसमें यह भी एक अहम नियम था।
  • केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से कहा था कि वे स्वैच्छिक आधार पर यूजर्स को अपना अकाउंट वेरिफाई करने की व्यवस्था दें। इससे उनके प्रशंसकों को यह पता चलेगा कि वह सही व्यक्ति के अकाउंट को फॉलो कर रहे हैं या किसी पैरोडी अकाउंट को।
  • इसके बाद ही ट्विटर ने तीन साल पहले बंद किए अपने अकाउंट वेरिफिकेशन प्रोग्राम को दो हफ्ते पहले शुरू किया है। ट्विटर की रिसर्च बताती है कि अगर अकाउंट वेरिफाइड है तो उसके साथ चर्चा में शामिल लोगों के बीच बातचीत ज्यादा सार्थक और सूचित होती है।

क्या आप भी अपने अकाउंट को वेरिफाई कर सकते हैं?

  • हां। अगले कुछ हफ्तों में ट्विटर सभी यूजर्स को अकाउंट सेटिंग्स टैब में वेरिफिकेशन एप्लिकेशन की सुविधा देगा। जब आप ट्विटर पर ब्लू टिक के लिए आवेदन करेंगे तो कुछ ही दिनों में उस पर आपको ईमेल पर जवाब मिल जाएगा।
  • ट्विटर का कहना है कि यूजर्स को प्रोफाइल नाम, प्रोफाइल इमेज और कंफर्म ईमेल एड्रेस या फोन नंबर भी देना होता है। इसके आधार पर ही उस अकाउंट को वेरिफाई किया जाता है। अगर आपकी एप्लिकेशन स्वीकार होती है तो आपके प्रोफाइल के साथ ब्लू टिक दिखने लगेगा।
  • एप्लिकेशन रिजेक्ट होने पर 30 दिन बाद दोबारा अप्लाई कर सकते हैं। इस दौरान, ट्विटर की बैकएंड टीम यह देखती है कि आपके अकाउंट से कोई अनैतिक, गैरकानूनी गतिविधि तो नहीं हो रही। उसके बनाए नियमों पर परखने के बाद वह ब्लू टिक देता है।