डोमिनिका की सरकार ने कहा- चौकसी को भारत भेजा जाएगा; हाईकोर्ट में आज फिर सुनवाई

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(www.arya-tv.com)पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी को बुधवार को डोमिनिका की मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। चौकसी को व्हील चेयर पर कोर्ट के अंदर ले जाया गया। वह नीले रंग की टी-शर्ट और काला शॉर्ट्स पहने हुआ था। पेशी के दौरान यह उसकी सबसे पहली फोटो है।

इससे पहले चौकसी के मामले में डोमिनिका के हाईकोर्ट में 3 घंटे हुई सुनवाई हुई था। हाईकोर्ट की जज बर्नी स्टेफेन्सन ने ही चौकसी को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था और चौकसी के मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी थी। यानी आज फिर सुनवाई होगी और चौकसी के प्रत्यर्पण पर भी फैसला आ सकता है।

हालांकि यह साफ नहीं है कि मेहुल को पहले एंटीगुआ भेजा जाएगा या सीधे भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया जाएगा। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डोमिनिका सरकार ने चौकसी को भारत भेजने की बात कही है। वहीं एंटीगुआ सरकार पहले ही डोमिनिका से कह चुकी है कि चौकसी को सीधे भारत भेज देना चाहिए।

चौकसी पर गैरकानूनी तरीके से डोमिनिका में एंट्री करने का आरोप है। लेकिन उनसे अपनी हिरासत को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। चौकसी का दावा है कि उसे एंटीगुआ-बारबुडा से अपहरण कर डोमिनिका लाया गया था। लेकिन बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने चौकसी के दावे का विरोध करते हुए कहा कि वह गैरकानूनी तरीके से डोमिनिका में एंटर हुआ है और इसी के चलते उसे हिरासत में लिया गया था।

डोमिनिका पहुंचने से पहले एंटीगुआ में रह रहा था चौकसी
मेहुल चौकसी एंटीगुआ की नागरिकता लेकर 2018 से वहीं रह रहा था, लेकिन 23 मई को अचानक वहां से लापता हो गया। इसके 2 दिन बाद वह डोमिनिका में पकड़ा गया था। इस पूरे मामले के बीच एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन की एक चिट्ठी भी सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि मेहुल ने नागरिकता से संबंधित जानकारी छिपाई थी। 14 अक्टूबर 2019 को लिखे खत में ब्राउन ने कहा था, ‘मैं एंटीगुआ और बारबुडा नागरिकता अधिनियम, कैप 22 की धारा 8 के मुताबिक एक आदेश देने का प्रस्ताव करता हूं ताकि आपको तथ्यों को जानबूझकर छिपाने के आधार पर एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता से वंचित किया जा सके।’