(www.arya-tv.com)सीबीएसई छात्रों के लिए आज यानी एक जून का दिन काफी महत्वपूर्ण है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल परीक्षा को लेकर तारीख व फॉर्मेट की घोषणा कर सकते हैं। शिक्षा मंत्री पोखरियाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके बाद ही तारीख या परीक्षा को लेकर कोई ऐलान हो सकता है। परीक्षा रद्द की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई में केंद्र ने तीन दिन का समय मांगा था। जिसके बाद सुनवाई तीन जून के लिए टाल दी गई।
केंद्र की ओर से एटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा कि सरकार 2 दिन में अंतिम फैसला ले लेगी। सीबीएसई ने तीन प्रस्ताव तैयार किए हैं, जिसमें एक परीक्षा रद्द करने से भी जुड़ा है। अंतिम फैसला प्रधानमंत्री की हरी झंडी के बाद ही होना है। इधर, मंगलवार को इंडिया वाइड पेरेंट्स एसोसिएशन की प्रसिडेंट एडवोकेट अनुभा श्रीवास्ताव ने दसवीं व 12वीं बोर्ड को लेकर एक सर्वे शुरू कराया है कि छात्र क्या चाहते हैं।
सीबीएसई 12वीं : नया फॉर्मूला-कक्षा 9, 10 और 11वीं के रिजल्ट के आधार पर होगा आंकलन
सीबीएसई पर 12वीं एग्जाम रद्द करने का दबाव बढ़ने लगा है। इसलिए सीबीएसई ने नया प्रस्ताव रखा है, जिसमें परीक्षा रद्द करने की स्थिति में किस फॉर्मूले से रिजल्ट घोषित किया जाए। सूत्र बताते हैं कि अगर परीक्षा रद्द की जाती है तो कक्षा 9, 10 और 11वीं के रिजल्ट के आधार पर छात्रों का आंकलन किया जाएगा। इस बीच सीआईसीएसई बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों से कक्षा 11 में और इस सत्र के दौरान कक्षा 12वीं के छात्रों द्वारा प्राप्त औसत अंक जमा करने को कहा है।
सीबीएसई के पास 3 विकल्प कौनसे हैं
1. अब तक के प्रचलित फॉर्मेट में ही प्रमुख विषयों की परीक्षा विभिन्न आवंटित एग्जाम सेंटरों पर लिया जाए। बाकी बचे विषयों के मार्क्स प्रमुख विषयों में लाए गए मार्क्स के आधार पर कैलकुलेट किया जाए।
2. सीबीएसई ने दूसरे विकल्प के तहत होम सेंटरों पर ही प्रमुख विषयों के 90 मिनट का ऑब्जेक्टिव टाइप एग्जाम लिए जाने का सुझाव दिया है। सीबीएसई वर्तमान में 12वीं क्लास के विद्यार्थियों को 174 विषय ऑफर करती है, जिनमें से वह 20 विषयों को प्रमुख मानती है। इनमें शामिल है-फिजिक्स, केमेस्ट्री ,मैथमेटिक्स, बायोलॉजी, इतिहास, पॉलिटिकल साइंस, बिजनेस स्टडीज, अकाउंटेंसी, ज्योग्राफी, इकोनॉमिक्स और इंग्लिश। सीबीएसई के विद्यार्थियों को कम से कम 5 विषय और अधिक से अधिक 6 को चुनना होता है। इनमें से चार विषय प्रमुख होते हैं।
3. परीक्षा रद्द करने की स्थिति में छात्रों का आंकलन कक्षा 9 से 11वीं क्लास के अंकों के आधार पर किया जाए। अगर यह फॉर्मूला पास होता है तो शिक्षा मंत्रालय इसका पूरा फॉर्मेट बनाएंगे।
32 राज्य किस फॉर्मूले के समर्थन में
32 राज्यों और केंद्रशासित राज्यों ने 12 वीं बोर्ड परीक्षा के लिए हामी भरी हैं। जिसमें 29 ने दूसरे विकल्प के साथ जाने या केंद्र के निर्णय को मानने के लिए सहमति जाहिर की है।
सीबीएसई 10वीं के अंक स्कूलों को 30 जून तक भेजने हैं, रिजल्ट की तारीख अभी तक तय नहीं
सीबीएसई ने दसवीं के रिजल्ट को लेकर स्कूल को जो नियम जारी किए हैं, उन पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। कई छात्र ऐसे हैं, जो किसी भी इंटरनल असेसमेंट में शामिल भी नहीं हुए। ऐसे मामले में सीबीएसई ने कहा है कि ऐसे छात्रों का ऑनलाइन/ऑफलाइन या टेलीफोन के जरिए मूल्यांकन करें। प्रत्येक विषय में छात्रों का मूल्यांकन 100 अंकों के आधार पर किया जाता है, जिसमें आमतौर पर इंटरनल असेसमेंट के लिए 20 अंक और अंतिम बोर्ड परीक्षा के लिए 80 अंक शामिल होते हैं। अब सीबीएसई द्वारा पॉलिसी डॉक्युमेंट में कहा गया है कि 80 मार्क्स की गणना इंटरनल्स जैसे यूनिट टेस्ट, प्री-बोर्ड और अन्य टेस्ट के आधार पर भी करनी होगी जो स्टूडेंट्स ने सालभर में लिखे हैं। स्कूलों को अंकों को 30 जून तक तैयार कर बोर्ड को सौंपना होगा, जिसके आधार पर परिणाम घोषित किए जाएंगे। रिजल्ट जारी होने की तिथि घोषित नहीं है। बोर्ड ने यह भी कहा कि अगर कोई छात्र शहर में नहीं है या टेलीफोनिक मूल्यांकन के लिए फोन पर भी उपलब्ध नहीं हो पाता तो उसे अनुपस्थित चिह्नित किया जा सकता है। यदि स्कूल महामारी के कारण प्री-बोर्ड में अनुपस्थित रहने वाले छात्र के माता-पिता तक नहीं पहुंच पा रहा है तो उस छात्र को भी अनुपस्थित चिह्नित किया जाएगा। यदि किसी अन्य कारण से छात्र का पता नहीं चल पाता है तो उसे भी अनुपस्थित चिह्नित किया जाए। छात्रों के माता-पिता को इस बार परिणाम घोषित होने के बाद परीक्षा की प्रतियां देखने या अंकों को वेरिफाइड करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
जिन छात्रों के पेरेंट्स कोरोना पॉजिटिव, अगर वे आंतरिक मूल्यांकन में शामिल नहीं हुए तो?
1. कई छात्र जिनके परिवार कोरोनावायरस से जूझ रहे थे, वे आंतरिक मूल्यांकन में शामिल नहीं हो सके थे। क्या उन्हें पता था कि इसे फाइनल रिजल्ट में जोड़ा जाएगा?
2. कई छात्र ऐसे भी होंगे, जिन्होंने स्कूल एग्जाम को गंभीरता से नहीं लिया होगा? इसलिए स्कूल के सामने यह भी चुनौती है कि वे हर छात्र का सही आंकलन कैसे करेंगे?
3. सीबीएसई अगर दिसंबर में भी यह जानकारी देता कि मूल्यांकन को फाइनल रिजल्ट में जोड़ जाएगा तो छात्रों और पेरेंट्स की चिंता को काफी हद तक दूर किया जा सकता था।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं का फैसला सीबीएसई के निर्णय के बाद
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं व 12वीं परीक्षाओं पर अभी फैसला नहीं हो सका है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भास्कर को बताया कि सीबीएसई के निर्णय के बाद बोर्ड की परीक्षाओं पर निर्णय किया जाएगा। हम सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि सीबीएसई की तरह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भी दसवीं के एग्जाम को लेकर बड़ा फैसला ले सकता है। कुछ अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए दसवीं की परीक्षा रद्द कर देनी चाहिए। अगर परीक्षा करानी भी पड़े तो सिर्फ महत्वपूर्ण विषयों की ही एग्जाम कराई जाए। हालांकि शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी कोई भी निर्णय नहीं हुआ है। बोर्ड अधिकारियों के साथ लगातार चर्चा हो रही है। जल्द फैसला ले लिया जाएगा।