कानपुर (www.arya-tv.com) आइआइटी कानपुर में शिक्षा, शोध और तकनीक को बढ़ावा देने के लिए पुरातन छात्र आगे आ रहे हैं। उन्होंने छह साल के अंतराल में खूब दान दिया है। कोरोना काल में देश ही नहीं, दुनिया भर में जब आर्थिक गतिविधियां मंद हो गईं, तब उन्होंने संस्थान की झोली भरी।
मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक 21 करोड़ रुपये की मदद पुरातन छात्र कर चुके हैं, जबकि मार्च तक इसके 25 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। ये छात्र भारत, अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, कोरिया, जापान समेत अन्य देशों में रह रहे हैं। छात्रों से मिली धनराशि नए विभागों के भवन, प्रयोगशालाएं बनाने और शोध कार्यों में इस्तेमाल होगी। अब तक कई भवन और पार्क बन चुके हैं। कोरोना काल में सबसे पहले ऑनलाइन पढ़ाई को बेहतर करने के लिए बीटेक प्रथम वर्ष के जरूरतमंद करीब 400 छात्रों को लैपटॉप और ब्राडबैंड मुहैया कराया गया। यह आर्थिक सहयोग करीब 2.5 करोड़ रुपये का था।
पिछले छह वर्षों की स्थिति
वर्ष- राशि (करोड़ में)
2015-16: 04
2016-17: 09
2017-18: 14
2018-19: 11
2019-20: 19
2020-21: 21
किसने-कितनी दी धनराशि
यूएसए के रणजीत सिंह ने तीन करोड़ व देव जुनेजा ने दो करोड़, रोनोदेब रॉय, जीत बिंद्रा, हेमंत शाह ने एक-एक करोड़ रुपये का सहयोग दिया है। साथ ही कई एल्युमिनाई ऐसे हैं, जिन्होंने 50 लाख, 25 लाख, 11 लाख रुपये तक का सहयोग किया है। कई सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य कंपनियां मदद कर रही हैं, जो आइआइटी के पुरातन छात्रों की हैं।
स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज में करेंगे मदद
क्लास ऑफ 1992 ने संस्थान में प्रस्तावित स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज के निर्माण में 20 करोड़ रुपये देने का भरोसा दिया है।
इन्होंने भी दिया आश्वासन
राहुल मेहता फाउंडेशन की ओर से सेंटर ऑफ इंजीनियरिंग मेडिसिन के निर्माण को दो मिलियन डॉलर मिलेंगे। वहीं, सस्टेनेबल एनर्जी और कॉग्नेटिव साइंस विभागों की बिल्डिंग निर्माण में भी मदद को कई छात्र आगे आए हैं।
पूरे बैच का सामूहिक योगदान
बैच- मिली राशि
1979 : 1.5 करोड़
1995 : एक करोड़
1997 : 50 लाख
आइआइटी कानपुर के एल्युमिनाई पूरा सहयोग कर रहे हैं। उनका फोकस शोध, शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर है। पिछले छह वर्षों में उनकी ओर सर्वाधिक दान आ चुका है।