(www.arya-tv.com)उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियां उफान पर आ गईं। इससे वहां चल रहे पावर प्रोजेक्ट और डैम तबाह हो गए। 170 लोगों की मौत की आशंका है। लेकिन ये हादसा हुआ क्यों? जवाब 2019 में आई एक स्टडी में है। यह रिपोर्ट बताती है कि 21वीं सदी यानी मौजूदा समय में हिमालय के ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार पिछली सदी के आखिरी 25 साल के मुकाबले दोगुनी हो चुकी है। यानी, ग्लेशियरों से बर्फ लगातार पिघलती जा रही है।
तापमान बढ़ने से ग्लेशियरों के निचले हिस्से को नुकसान हो रहा है। ऐसे में पानी की कमी के साथ ही हादसे भी बढ़ेंगे। चमोली जैसी घटना इसकी गवाही है। करीब 80 करोड़ लोग सिंचाई, बिजली और पीने के पानी के लिए हिमालय के ग्लेशियरों पर निर्भर हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले कुछ दशकों में यह बंद हो जाएगा, क्योंकि हम बड़े पैमाने पर ग्लेशियर खो रहे हैं।
40 साल की सैटेलाइट इमेजेस का एनालिसिस किया
इस स्टडी के लिए भारत, चीन, नेपाल और भूटान से पिछले 40 साल का सैटेलाइट डेटा लिया गया। यह बताता है कि क्लाइमेट चेंज से हिमालय के ग्लेशियर खत्म हो रहे हैं। जून 2019 में जर्नल साइंस एडवांसेज में पब्लिश हुई इस स्टडी से पता चलता है कि 2000 के बाद से ग्लेशियर हर साल डेढ़ फीट के बराबर बर्फ खो रहे हैं। बर्फ के पिघलने की रफ्तार 1975 से 2000 तक के वक्त मुकाबले दोगुनी है।
40 साल में ग्लेशियरों का एक चौथाई हिस्सा कम हुआ
स्टडी को लेकर अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में PhD कैंडिडेट जोशुआ मौरर ने कहा कि इस अंतराल में हिमालय के ग्लेशियर कितनी तेजी से और क्यों पिघल रहे हैं, यह इसकी अब तक की सबसे साफ तस्वीर है। स्टडी के लीड ऑथर मौरर ने कहा कि हालांकि इस स्टडी को स्पेसिफिकली कैल्कुलेट नहीं किया गया है, लेकिन ऐसा हो सकता है कि पिछले 40 साल में ये ग्लेशियर अपने आकार का एक चौथाई तक हिस्सा खो चुके हों।
अमेरिकी जासूसी उपग्रहों की इमेज का विश्लेषण किया
रिसर्चर्स के जुटाए डेटा से पता चलता है कि बर्फ पिघलने का वक्त हर जगह एक जैसा है। इसकी वजह बढ़ता तापमान ही है। 1975 से 2000 के मुकाबले 2000 से 2016 में तापमान एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है। इस स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने वेस्ट से ईस्ट की ओर दो हजार किलोमीटर तक फैले 650 ग्लेशियरों के सैटेलाइट फुटेज का एनालिसिस किया। इनमें अमेरिका के जासूसी सैटेलाइट्स से ली गई कई तस्वीरें हैं।