भारत को अगर 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य है पाना तो ये काम करना है जरूरी

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(www.arya-tv.com) यदि किसी व्‍यक्ति को कोई लक्ष्‍य हासिल करना है या फिर किसी सपने को पूरा करना है तो इसके लिए अच्‍छी सेहत सबसे अधिक महत्‍वपूर्ण होती है। भारत को अगर 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पाना है तो जरूरी है कि मुख्य तौर पर हम तीन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दें। इनमें सबसे जरूरी है रोजगार पैदा करना, लोगों को काम के कौशल से लैस करना और सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण सबका अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करना।

इसलिए सभी के लिए हेल्‍थकेयर हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण और आवश्यक लक्ष्य है। देश की बड़ी आबादी का लाभ तभी हासिल कर सकते हैं जब हमारे पास नौकरी होगी, अच्‍छा कौशल होगा और स्‍वस्‍थ लोग होंगे। हालांकि, भारत इस समय हेल्‍थकेयर पर जीडीपी का 1% खर्च करता है। विकास के समान चरण पर दूसरे देशों की तुलना में यह बहुत कम है। सरकार को हेल्‍थकेयर पर खर्च बढ़ाने की जरूरत है। क्‍योंकि यह आखिरकार तेजी से विकसित हो रही अर्थव्‍यवस्‍था बनने की हमारी क्षमता को प्रभावित करता है।

ग अक्‍सर अपनी बीमारी का इलाज कराने से बचते हैं या फिर उसमें विलंब करते हैं, इससे उन्‍हें आखिरकार अस्‍पताल में भर्ती होना पड़ता है और उनके इलाज का खर्च बहुत अधिक आता है। इस समय हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। जिसकी वजह से अस्‍पताल में मरीजों का इलाज अनावश्‍यक रूप से काफी महंगा हो जाता है, बल्कि यह हेल्‍थ इंश्‍योरेंस में आउट-पेशेंट प्रोडक्‍ट्स शामिल करने में गंभीर बाधा खड़ी करता है। अस्‍पताल से बाहर इलाज कराने पर आने वाले कुल हेल्‍थकेयर खर्च का योगदान वास्‍तव में 60-70 प्रतिशत है। इससे बीमा प्रणाली के जरिये जाने के बजाय हेल्‍थकेयर सेवाओं का सीधे लाभ उठाने में काफी अंतर आ जाता है। सरकार को हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पर मौजूदा जीएसटी दरों को कम करने पर विचार करना चाहिए। इससे न सिर्फ हेल्‍थ इंश्‍योरेंस की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि सरकार को भी ग्राहकों की संख्‍या बढ़ने से अधिक टैक्‍स जमा करने में मदद मिलेगी।