मायावती ने कृषि कानूनों को विवादित बताते हुए केंद्र सरकार पर किया सियासी वार

Lucknow

लखनऊ  (www.arya-tv.com) केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ बजट सत्र से पहले संसद में राष्ट्रपति के आज होने वाले अभिभाषण का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों में अब बहुजन समाज पार्टी भी शामिल हो गई है। बसपा की मुखिया मायावती ने अपने निर्णय को लेकर शुक्रवार को दो ट्वीट भी किया है। बहुजन समाज पार्टी ने नई दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के साथ देश के अन्य राज्यों देश में आंदोलित किसानों के साथ खुलकर आने का फैसला किया है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने केंद्र सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने के साथ जनहित आदि के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कृषि कानूनों को विवादित बताते हुए केंद्र सरकार पर सियासी वार किया है। इससे पहले भी मायावती ने सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की थी।बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को दो ट्वीट में कहा कि बीएसपी ने देश के आंदोलित किसानों के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने व जनहित आदि के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही मायावती ने कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केंद्र सरकार से पुन: अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाएं। उन्होंने कहा कि इस मामले में भारतीय किसान यूनियन व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई है, सरकार इस पर ध्यान दे

गौरतलब है कि 16 पार्टियों के बाद आज बसपा ने भी राष्ट्रपति के संसद में आज अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। कांग्रेस समेत 16 पाॢटयों तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना, अकाली दल, आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), डीएमके, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, सीपीआई (एम), आईजेएमएल, आरसीपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस तथा एआईयूडीएफ ने कल ही बहिष्कार की घोषणा की थी।शुक्रवार को संसद सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी। उस दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित कर सरकार की भावी योजनाओं का खाका पेश करेंगे। ऐसा पहली बार ही होगा कि संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भी सदस्य सेंट्रल हॉल के अलावा लोक सभा और राज्य सभा में बैठेंगे।