क्रिसमस पर्व की परंपरा पहली बार बदली-बदली सी आयी नजर

Bareilly Zone

बरेली (www.arya-tv.com) कोरोना संक्रमण के चलते जहां लोगों के जीवन में बदलाव आया है। वहीं इसका असर पर्व पर भी पड़ रहा है। डेढ़ सौ साल से पहले से चली आ रही क्रिसमस पर्व की परंपरा पहली बार बदली-बदली सी नजर आयी।इस साल कोरोना के चलते क्रिसमस को लेकर लोगो में कुछ खास उल्लास नही दिख रहा है 25 दिसंबर से पहले 24 दिसंबर को चर्चों में दिखने वाली लोगों की भीड़ इस बार हाथों की अंगुलियों में गिनी जा सकती थी। शहर के चर्चों को सजाया तो गया था। लेकिन रात 11 बजे तक शहर की कई चर्च में ताला लटका मिला। केवल चर्चों के बाहर प्रभु यीशु के जन्मदिन के गाने बजते रहे।

क्राइस्ट मैथाडिस्ट चर्च के पादरी सुनील मसीह ने बताया कि 164 वर्षों से चली आ रही परंपरा पर पहली बार कोरोना के चलते ग्रहण लगा है।उन्होंने बताया कि 1856 में बनी चर्च में ऐसा पहली बार हो रहा है कि प्रभु यीशु का जन्मदिन 24 दिसंबर की मध्यरात्रि की जगह 25 दिसंबर को मनाया जाएगा शाहजहांपुर रोड स्थित सेंट माइकल एंड ऑल एंजिल चर्च की स्थापना 1862 में पादरी विलियम गार्डन कॉवी ने कराई थी। यहां के पादरी अमन प्रसाद ने बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि 24 दिसंबर में चर्च में कोई कार्यक्रम नहीं आयोजित किया गया।