(www,arya-tv.com) फिलॉसफी की क्लास में टीचर ने बच्चों से पूछा, जीवन क्या है? बच्चा छोटा था लेकिन बहुत असरदार जवाब दिया। बच्चे ने कहा, मोबाइल फोन (Smartphone) के बिना बिताया गया समय जीवन है।
ये जवाब आपको भी छू गया होगा। हो सकता है कि इस वक्त आप ये खबर किसी स्मार्टफोन पर ही पढ रहे हों। हममें से ज्यादातर लोग उसी स्मार्टफोन (Smartphone) से परेशान हैं।
जिस पर वो सबसे ज्यादा वक्त बिता रहे हैं। लॉकडाउन में घर में बंद खाली लोग हों या वर्क फ्रॉम होम की वजह से मजबूरन ऑनलाइन आए लोग हों. नतीजा ये हुआ कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल (Smartphone Addiction) बढ गया और लोग ऑनलाइन ही वक्त काटने लगे। घर परिवार में सब लोगों के होने के बावजूद 6 इंच की स्क्रीन को ही दुनिया बना लिया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लोग औसतन दिन के 7 घंटे फोन (Smartphone) पर बिता रहे हैं। जरा सोचिए अगर आप दिन में 12 घंटे जागते हैं तो उसमें से 7 घंटे फोन के नाम समर्पित कर देते हैं तो आपके शरीर और मस्तिष्क का क्या होगा। रिपोर्ट में यह भी पता चला कि लोगों के दिन के 18 मिनट सेल्फी लेने और फोटो या वीडियो क्लिक करने में बीत रहे हैं। पिछले वर्ष के सर्वे में ये वक्त 14 मिनट था।