(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में सात साल की बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या के प्रकरण में सियासत शुरू हो गई है। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद जब परिजनों को बच्ची का शव मिला तो वे गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। लेकिन सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज, पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा, पूर्व विधायक पीतम राम, राष्ट्रीय सचिव अखिलेश कटियार समर्थकों के साथ पीड़िता के गांव पहुंचे। उन्होंने परिवार से बात करने के बाद अंतिम संस्कार रुकवा दिया और ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए। सपा नेताओं ने पीड़ित परिवार के हक में 25 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की मांग की।
धरने की खबर पाकर गांव पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने धरना खत्म करने की अपील की। लेकिन लोग अपनी मांग पर अड़े रहे। प्रशासन ने 10 लाख का मुआवजा देने के साथ निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया तो सपा नेताओं ने धरना खत्म किया है। परिवार वालों का कहना है कि पुलिस गलत खुलासा कर रही है। जबकि आरोपी कोई और है। परिवार वालों ने कुछ लोगों पर घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया है। प्रशासन ने कहा कि हर पहलु को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। मांग पूरी होने के बाद परिजनों ने शाम में अंतिम संस्कार किया है।
इस दौरान कई भाजपा के नेता भी पहुंचे। भाजपा नेताओं ने कहा कि सपा इस प्रकरण में राजनीति कर रही है। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। एक मानसिक रूप से कमजोर युवक को पुलिस संदिग्ध मानकर उससे भी पूछताछ की है। पुलिस की माने तो मंद बुद्धि युवक ने घटना को करना स्वीकार लिया है।