(www.arya-tv.com)उत्तरप्रदेश के हाथरस में दलित युवती से कथित गैंगरेप और मौत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार यानी आज सुनवाई होगी। जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस रंजन राय की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। आज की सुनवाई में पीड़ित परिवार शामिल नहीं होंगा। आज गृह विभाग के अफसर, डीजीपी मुख्यालय के बड़े अफसर और निलंबित एसपी विक्रांत वीर कोर्ट में पेश होंगे।
हाथरस केस की जांच कर रही तीन सदस्यीय टीम ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। आज हाईकोर्ट में एसआईटी रिपोर्ट पेश की जा सकती है। एसआईटी की रिपोर्ट में अफसरों की भूमिका की जिक्र है। बता दें कि राज्य सरकार ने 30 सितंबर को तीन सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर मामले की जांच का आदेश दिया था। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाथरस केस पर खुद संज्ञान लिया था। इससे पहले 12 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़ित परिवार के पांच सदस्यों से बात की थी।
परिवार को मिली सुरक्षा की स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करेगी सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के अलावा केस की निगरानी की जिम्मेदारी हाईकोर्ट को दी है। आज हाथरस केस में अब तक हुई कार्रवाई और सीबीआई, एसआईटी जांच के साथ पीड़ित परिवार को मिली सुरक्षा के बारे में हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच को सरकार अवगत कराएगी। पीड़ित परिवार की सुरक्षा में सीआईएसएफ जवानों की तैनाती के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में जानकारी दी जाएगी।
सीआरपीएफ की तैनाती से परिवार संतुष्ट
अब तक पीड़ित परिवार की सुरक्षा पुलिस और पीएसी कर रही थी। पूरे घर में पुलिस ने सीसीटीवी और आने जाने वालों की जांच के लिए मेटल डिटेक्टर भी लगवाया गया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मे सीआरपीएफ की टीम कर रही है। इसके बाद परिवार सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट है।
क्या है पूरा मामला?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की दलित युवती से कथित गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई। मामले में चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।