उन्नाव दुष्कर्म केस:सीबीआई की जांच में एक आईएएस और दो आईपीएस अफसर दोषी करार

UP

(www.arya-tv.com)उन्नाव दुष्कर्म मामले में सीबीआई ने अपनी जांच में एक आईएएस और दो आईपीएएस अफसरों को दोषी माना है। पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ कार्रवाई के पीड़ित ने तत्कालीन डीएम और एसपी के समक्ष गुहार लगाई थी। लेकिन सेंगर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब सीबीआई ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर तीनों अफसरों को कार्रवाई की सिफारिश की है।

2017 में पीड़ित नाबालिग ने लगाया था दुष्कर्म का आरोप

4 जून 2017 को उन्नाव की रहने वाली एक नाबालिग ने बांगरमऊ से विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। लेकिन, यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब पीड़ित साल अप्रैल 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ स्थित आवास पर आत्मदाह करने पहुंच गई थी। पीड़ित के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी। पीड़ित ने पूर्व विधायक के भाई अतुल सेंगर पर पिटाई का आरोप लगाया था। इसके बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया तो कुलदीप सेंगर की गिरफ्तारी हुई थी।

दिल्ली की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई

पिछले साल 28 जुलाई को पीड़ित अपने चाचा से मिलने रायबरेली जा रही थी। लेकिन, रास्ते में हादसे का शिकार हो गई थी। हादसे में पीड़ित के परिवार एक सदस्य की मौत हो गई थी। जबकि, खुद पीड़ित व उसका वकील गंभीर रुप से घायल हुआ था। पीड़ित के परिवार वालों ने पूर्व विधायक पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई। 20 दिसंबर 2019 को 54 साल के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सेंगर पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। वर्तमान में सेंगर तिहाड़ जेल में है। दोषी ठहराए जाने के बाद राज्य विधानसभा की उनकी सदस्यता भी समाप्त हो गई थी।

कर्तव्यों के पालन में दोषी पाया गया

सीबीआई की जांच में आईएएस अदिति सिंह और आईपीएस नेहा पांडेय और पुष्पांजलि सिंह को दोषी माना गया है। 2009 बैच की आईएएस अदिति सिंह वर्तमान में हापुड़ जिले की डीएम हैं। वहीं, 2009 बैच की आईपीएस नेहा पांडेय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसके अलावा आईपीएस पुष्पांजलि वर्तमान में गोरखपुर में रेलवे एसपी के पद पर तैनात हैं। दुष्कर्म केस के दौरान तीनों अफसरों की नियुक्ति उन्नाव में थी। इससे पहले तत्कालीन माखी कोतवाली के एसएचओ को दोषी ठहराया जा चुका है। वह जेल में है।