- पत्रकार का नाम बलराम बानिया था, वे नेपाल के बड़े अखबार कांतिपुर डेली के लिए काम करते थे
- 11 अगस्त को बानिया के परिवार ने उनके लापता होने की खबर दी थी, दो दिन बात मौत की खबर आई
(www.arya-tv.com)नेपाल के गांव पर चीनी के कब्जे का खुलासा करने वाले पत्रकार बलराम बनिया की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है। 13 अगस्त को नेपाल के मांडु जिले में बागमती नदी के किनारे हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट के पास उनका शव मिला। 11 अगस्त को परिवार ने उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बानिया के चेहरे पर चोट के निशान पाए गए हैं।
गुरुवार को आखिरी बार बनिया को बाल्खु नदी के किनारे टहलते देखा गया था। उनके मोबाइल फोन की आखिरी लोकेशन भी इसी जगह मिली थी। हालांकि, कुछ देर बाद बानिया का फोन स्विच ऑफ हो गया था। परिवार ने पुलिस स्टेशन में उनके गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। पुलिस उनका पता लगाने की कोशिश कर रही थी। इसी दौरान शुक्रवार को उनका शव बरामद हो गया। उनके चेहरे पर चोट के भी निशान मिले हैं।
रुई गांव में कब्जे की खबर दी थी
काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, बलराम बनिया एक नेपाली अखबार कांतिपुर डेली में काम करते थे। पहले वह राजनीति और संसद कवर करते थे। बाद में उन्होंने शासन और ब्यूरोक्रेसी पर रिपोर्टिंग की। उन्होंने गोरखा जिले के रुई गांव में चीन के कब्जे की खबर ब्रेक की थी। भारतीय मीडिया में उनकी खबर का काफी जिक्र भी हुआ था।
60 साल से चीन का कब्जा
खबर के मुताबिक रुई गांव में 60 साल से चीन का राज चल रहा है। नेपाल की सरकार ने कभी इसका विरोध नहीं किया। नेपाल सरकार के आधिकारिक नक्शे में भी यह गांव नेपाल की सीमा के भीतर ही दिखाया गया है। गोरखा जिले के रेवेन्यू दफ्तर में भी रुई गांव के लोगों से टैक्स वसूली के दस्तावेज हैं। हालांकि, यहां नेपाल सरकार ज्यादा एक्टिव नहीं है। शायद यही वजह है कि इस इलाके पर चीन ने कब्जा कर लिया है।
नेपाल प्रेस यूनियन ने की जांच की मांग
पत्रकार बलराम की संदिग्ध मौत पर नेपाल प्रेस यूनियन ने सरकार ने इसकी जांच की मांग की है। यूनियन के महासचिव अजय बाबू शिवकोटि ने कहा कि सच जनता के सामने आना चाहिए। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह एक्सीडेंट है, सुसाइड है या फिर मर्डर।