- 60 सैनिकों को सेना मेडल (गैलेंटरी) और 19 को मेंशन-इन-डिस्पैच से सम्मानित किया जाएगा
- शौर्य चक्र असाधारण वीरता या बलिदान के लिए दिया जाता है, यह मरणोपरांत भी दिया जा सकता है
(www.arya-tv.com)गृह मंत्रालय ने स्वतंत्रता दिवस पर दिए जाने वाले गैलेंटरी अवॉर्ड की घोषणा कर दी है। इस साल 87 सैनिकों को ये अवॉर्ड दिए जाएंगे। इनमें तीन सैनिकों को शौर्य चक्र, पांच सैनिकों को बार टु सेना मेडल और 60 सैनिकों को सेना मेडल (गैलेंटरी), 19 को मेंशन-इन-डिस्पैच मिलेंगे। भारतीय सेना ने शुक्रवार को बताया कि हवलदार आलोक कुमार दुबे, मेजर अनिल उर्स और लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत को जम्मू-कश्मीर में उनके सभी ऑपरेशनों में वीरता के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित जाएगा।
इन्हें शौर्य चक्र
1. ले.कर्नल किशन सिंह रावत
2. मेजर अनिल उर्स
3. हवलदार आलोक कुमार दुबे
हवलदार आलोक ने वीरता दिखाते हुए चार आतंकियों को मारा
पिछले साल 22 जून को सूचना मिली कि आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के एक गांव के पास बगीचे में घुसपैठ की है। हवलदार आलोक दुबे को वहां भेजा गया और उन्हें आतंकियों की घेराबंदी करने का निर्देश दिया गया। शाम 5:40 बजे उनकी नजर किसी संदिग्ध पर पड़ी। 5.45 बजे हवलदार ने आतंकियों का एक ग्रुप देखा जो अंधेरे का फायदा उठाकर सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश कर रहा था।
घने जंगल होने के कारण वहां साफ-साफ कुछ देखना मुमकिन नहीं था। अंधेरे का फायदा उठाते हुए आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। साहस दिखाते हुए हवलदार आलोक आतंकियों के करीब जा पहुंचे और एक को मार गिराया। बाद में उसकी पहचान ए कैटेगरी के आतंकी के रूप में की गई। उन्होंने बाकी आतंकियों के भागने का रास्ता रोक लिया और अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इससे बाकी साथियों को घेरा टाइट करने में मदद मिली। इसके बाद सभी चार आतंकी भी मारे गए।
मेजर अनिल ने एलओसी पर 5 आतंकियों को मारा
मेजर अनिल कंपनी कमांडर हैं और जम्मू-कश्मीर पर लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात हैं। उन्हें खुफिया सूचना मिली कि कुछ आतंकी एलओसी क्रास करने की कोशिश में हैं। उन्होंने उसी रूट पर घात लगाई। जैसे ही आतंकियों का गिरोह पास आया, उन्होंने फायरिंग कर 3 आतंकियों को मार गिराया। इसके बाद वे वहीं मौजूद रहे, क्योंकि वहां और आतंकियों के जुटने का अनुमान था। करीब 15 मिनट इंतजार के बाद उन्होंने 2 और आतंकियों को मार गिराया।
लेफ्टिनेंट कर्नल किशन सिंह और उनकी टीम ने 4 आतंकियों को मारा
लेफ्टिनेंट कर्नल किशन सिंह रावत को जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन के लिए तैनात किया गया था। इस दौरान खुफिया सूचना मिली कि आतंकियों द्वारा घुसपैठ की कोशिश की जा रही है। इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी संभालते हुए उन्होंने घुसपैठ के सभी रास्तों पर सैनिक तैनात किए। करीब 36 घंटे बाद नियंत्रण रेखा के पास उनकी टीम ने आतंकवादियों के समूह को देखा।
लेफ्टिनेंट कर्नल किशन सिंह रावत की अगुआई में आगे बढ़ते हुए उनकी टीम ने 2 आतंकियों को मार गिराया। उन्होंने बाकी आतंकियों के जगह की भी पहचान कर ली। लंबी निगरानी के बाद रावत ने 2 और आतंकवादियों को मार गिराया और तीसरे को घायल कर दिया।