विभागीय अफसर ही फेल कर रहे हैं बिजली आपूर्ति की व्यवस्था

Lucknow
  • बनी व गहरू उपकेंद्र से सप्लाई वाले गांवों में एक सप्ताह से खराब है विधुत आपूर्ति की व्यवस्था।
  • शिकायत के बाद भी नही हो रहा है सुधार

लखनऊ। प्रदेश सरकार जहां गांव गांव तक बिजली पहुंचाने व विद्युत व्यवस्था को सरल व बेहतर बनाने का काम कर रही है वहीं बिजली विभाग के ही अधिकारी ही इसमें सेंध लगाने का काम कर रहे हैं। बनी पावर हाउस से व गहरू पावर हाउस से मिलने वाली विधुत सप्लाई पिछले एक सप्ताह से लचर है इसकी जानकारी एसडीओ से लेकर अधीक्षण अभियंता तक को है पर इसके बाद भी हालात में को ई सुधार नही हो रहा है।

ग्रामीणों ने लापरवाह अधीशासी अभियंता व एसडीओ के खिलाफ कार्यवाही किये जाने व उक्त उप केंद्रों से होने वाली विधुत सप्लाई को तत्काल दुरुस्त कराये जाने की मांग की है।

बिजली व्यवस्था को विभाग में बैठे अधिशासी अभियंता से लगाकर मुख्य अभियंता तक फेल साबित करने में कोई कोर कसर नही बाकी रख रहे हैं। हाल यह है कि राजधानी के ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ता किसान सभी बिजली की किल्लत झेल रहे हैं राजधानी के विधुत वितरण खंड सेस प्रथम से पोषित बनी उपकेंद्र व गहरू उपकेंद्र से मिलने वाली विधुत सप्लाई का लगभग एक सप्ताह से काफी बुरा हाल है।

बनी उपकेंद्र से पोषित हरौनी, रसूलपुर फिडर की विधुत सप्लाई लगभग एक सप्ताह बीतने के बाद भी सुधरने का नाम तक नहीं ले रही है। इसकी शिकायत हरौनी के क्षेत्र पंचायत सदस्य अजय सिंह माखन के द्वारा अधीक्षण अभियंता डी के त्रिपाठी से भी की गयी थी जिस पर उन्होने इस समस्या को प्राथमिकता से निस्तारित कराने का भरोसा दिलाया था पर कई दिन बीत जाने के बाद भी इस समस्या का निराकरण नही हो सका है।

ग्रामीणों का कहना है कि जब उपभोक्ता अधिशासी अभियंता सेस प्रथम संदीप तिवारी को उनके वाट्सअप पर विधुत सम्बंधित समस्याओं को भेजते हैं व फोन करके बताने का प्रयास करते हैं तो अधिशासी अभियंता उन नम्बरों को या तो ब्लॉक कर देते हैं या ब्लैक लिस्ट में डाल देते हैं।

लगभग एक वर्ष से तैनात अधिशासी अभियंता कभी भी जमीनी हकीकत जानने का प्रयास तक नहीं करते हैं। भाजपा अनूसूचित मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य सुभाष पासी ने बताया कि कोई भी बिजली का बड़ा अधिकारी बिजली की इस समस्या को न देखना चाहते हैं न सुधरवाना चाहते हैं। लाइट का हाल लगभग एक सप्ताह से काफी बुरा चल रहा है हम बताते चले विधुत वितरण खंड सेस प्रथम मे बैठे ऐसे तमाम बाबू और कर्मचारी हैं जो अकूत संपत्ति के मालिक हैं और वर्षो से इसी डिवीजन में तैनात हैं।