स्मार्ट मीटर से क्यों परेशान हुई जनता जाने पूरी हकीकत !

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(www.arya-tv.com)स्मार्ट मीटर के कारण लाखों उपभोक्ताओं को जो परेशानी झेलनी पड़ी उसका सबसे बड़ा कारण अवैध रूप से नियुक्ति अनुभवी अधिकारी हैं जिसकी सजा उत्तर प्रदेश की जनता को भुगतनी पड़ रही है और किस तरह से स्मार्ट मीटर के नाम पर यह खेल प्रदेश की जनता के साथ हुआ। 8 अगस्त 2017 जब उदय योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाने के काम के लिए बिना टेण्डर के EESL और UPPCL के अधिकारीयों के बीच एक मीटिंग होती है और फिर फरवरी 2018 मे पूरे प्रदेश के चुनिंदा शहरों पूर्वाचल के इलाहाबाद गोरखपुर व वाराणासी, दक्षिणाचल के झाँसी मथुरा मध्याचल के फैजाबाद, बरेली व लेसा( लखनऊ) के शहरी इलाकों पश्चिमाचल के मुरादाबाद मेरठ सहारनपुर वा केस्को के कुछ शहरी हिस्सों पर 10 लाख स्मार्ट मीटर व उसके साथ साथ मीटर केबिल लगने की सहमति बनती है और फिर लखनऊ में बिना किसी नियम कानून के L&T मीटर लगाने का काम शुरु कर देती है।

यह पाॅचों कम्पनियां स्वयत है यानि आटोनोमस इनका प्रबंधन अलग-अलग होता है और उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन इन सभी कम्पनीयों में समन्वय स्थापित करने वाली संस्था है जिसमे बैठे अनुभव हीन अधिकारियों का यह एक छोटा सा दखल अन्दाजी का नमूना है, जिसे त्यौहार के दिन प्रदेश की जनता ने झेला है बड़काबाबू लोग मस्त जनता त्रस्त खैर अब बात करते हैं। स्मार्ट मीटर समझौते की जो कि अप्रैल 2019 तक किसी भी डिस्काम और EESL के बीच नहीं हुआ था होता भी कैसे ना तो कोई निविदा निकाली गयी थी और काम शुरु हुए कई महीने हो गये थे। जिसका सबूत अधिशाषी अभियन्ता द्वारा दर्ज FIR है।

बात आती है मीटर की जिसका उत्पादन जीनस नामक कम्पनी कर रही है, यह कम्पनी की जमानत राशी केस्को खराब उत्पाद होने की वजह से पहले ही जब्त कर चुकी थी और जिसका सबूत उच्च न्यायालय इलाहाबाद में उपभोक्ता सरक्षण उत्थान समिति के द्वारा दायर जनहित याचिका में लगाया गया है परन्तु इतना सब हो जाने के बावजूद भी इन भ्रष्टाचारियों की नींद नहीं खुली और बिना केबिल के पुराने मीटर हटा कर स्मार्ट मीटर लगाने का काम बदस्तूर जारी है और सबसे मजे की बात तो यह है कि इन सब पर कोई भी अधिकारी का नियंत्रण नहीं है अगर किसी उपभोक्ता का बिजली का बिल नहीं जमा है और उस उपभोक्ता का कनेक्शन स्मार्ट मीटर के द्वारा है तो लाइन काटे के लिए अधिशाषी अभियन्ता L&T को कहेगा फिर उस उपभोक्ता का कनेक्शन काटा जाएगा और अगर सप्लाई चालू करनी है तभी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी यानि कि अब सारा नियंत्रण L&T के अनुभवहीन कर्मचारियों के हाथों में है जिसका परिणाम 12 अगस्त जन्माष्टमी के दिन पूरे प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओ को भुगतना पड़ा । EESL और L&T दोनों कम्पनीयों के अधिकारीयो को हटा कर कम्पनीयों ने इतने बड़े काम पर पर्दा डाल कर इतिश्री कर ली।