- उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने स्मार्ट मीटर बंद होने लिए निजी कंपनियों को जिम्मेदार बताया
- लाखों बिजली उपभोक्ता हुए दिन भर परेशान, लगाते रहे बिजली घर के चक्कर
- बिजली विभाग सिर्फ मूकदर्शक की भूमिका में, निजी कंपनियां मौज कर रही
- संघ ने सारे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष तकनीकी जांच कराने की मांग की है
(www.arya-tv.com) श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन हजारों की संख्या में उपभोक्ताओं के घर पर लगे स्मार्ट मीटर अचानक बंद हो जाने से उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति ठप हो गई और प्रदेश भर में विद्युत उपकेंद्र पर उपभोक्ताओं की भारी भीड़ एकत्र हो गई जिसे संभालने में विद्युत अभियंताओं और कर्मचारियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। इतने बड़े पैमाने पर हुई बिजली ट्रिपिंग के लिए स्मार्ट मीटरिंग का काम देखने वाली निजी कंपनी को जिम्मेदार ठहराते हुए उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने सारे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष तकनीकी जांच कराने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह एवं महासचिव प्रभात सिंह ने बताया की जीनस कंपनी के 90% से अधिक स्मार्ट मीटर आज सॉफ्टवेयर की तकनीकी गड़बड़ी के चलते अचानक ठप हो गए । उन्होंने बताया की स्मार्ट मीटर के सरवर की देखरेख का काम निजी कंपनी एल एन्ड टी और ई ई एस एल के पास है। उन्होंने बताया कि पावर कारपोरेशन के अभियंताओं के पास ट्रिपिंग हो जाने के बाद जोड़ने का अधिकार नहीं है ऐसे में ट्रिपिंग का और उसके बाद आपूर्ति बहाल ना होने की सारी जिम्मेदारी निजी कंपनियों की है। उन्होंने कहा की निजीकरण से उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानियों की यह एक छोटी झांकी है। उन्होंने सारे प्रकरण की उच्च स्तरीय तकनीकी जांच कराने एवं निजी कंपनियों के करार रद्द करने की मांग की है।