(aryatv webdesk: Lucknow)
reporter: roshni yadav
संस्कृति युनिवर्सिटी के छात्र आज बड़ी-बड़ी कंपनियों में शानदार पैकेज पर जॉब कर रहे हैं। कैंपस प्लेसमेंट में जब किसी कंपनी का अधिकारी संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्रों से रू-ब-रू होता है तो वह उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता है।
यही कारण है कि संस्कृति यूनिवर्सिटी न केवल शिक्षा प्रदान कर रही है बल्कि छात्रों को रोजगार दिलाने में भी अहम भूमिका निभा रही है। संस्थान के छात्रों को पढ़ाई पूरी करने से पहले ही बड़ी-बड़ी कंपनियों के ऑफर लेटर मिल रहे हैं तो इसके पीछे मुख्य वजह है- संस्कृति यूनिवर्सिटी का स्कूल ऑफ लाइफ स्किल्स।
संस्कृति यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट का मानना है कि शिक्षा ही ऐसा हथियार है, जिससे दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है, लेकिन यह तभी संभव हो सकता है जब छात्रों की ओवरऑल पर्सनैलिटी के विकास पर ध्यान दिया जाए। कोई भी छात्र सिर्फ किताबी ज्ञान से सफलता हासिल नहीं कर सकता, इसके लिए जरूरी है कि सॉफ्ट स्किल्स पर ध्यान देना।
छात्रों के सॉफ्ट स्किल्स पर फोकस करने के लिए संस्कृति यूनिवर्सिटी ने स्कूल ऑफ लाइफ स्किल्स डिपार्टमेंट को प्रमुखता दी है। संस्कृति यूनिवर्सिटी की लाइफ स्किल्स ट्रेनिंग का ही कमाल है कि संस्थान के छात्र हर प्रतिस्पर्धा में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं।
संस्कृति यूनिवर्सिटी में पठन-पाठन के साथ ही लाइफ स्किल ट्रेनिंग में छात्र-छात्राओं के पर्सनैलिटी डिवेलपमेंट, इंग्लिश स्पीकिंग, मॉरल वैल्यूज, प्रोफेशनल स्किल्स और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने पर खास ध्यान दिया जाता है। इन सब लाइफ स्किल्स की जब बात आती है तो यह समझ लेना चाहिए कि इसमें किताबी ज्ञान से सुधार नहीं लाया जा सकता है।
आज के दौर में सफलता के मायने बदल रहे हैं, कुछ समय पहले तक टेक्निकल नॉलेज सफलता के लिए सबसे अहम थी, लेकिन आज सॉफ्ट स्किल्स की करियर बनाने और बिगाड़ने में बेहद अहम भूमिका हो गई है। खासतौर से बात जब कॉर्पोरेट सेक्टर की हो, तब तो सॉफ्ट स्किल्स का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
संस्कृति यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ लाइफ स्किल्स डिपार्टमेंट के अध्यक्ष गेविन एलेक्जेंडर पॉल, असिस्टेंट प्रोफेसर सचिन शर्मा और असिस्टेंट प्रोफेसर नवनीत बल्लभ गौतम की देखरेख में छात्र-छात्राओं को नियमित रूप से लाइफ स्किल्स की ट्रेनिंग दी जा रही है।
डिपार्टमेंट हेड एलेक्जेंडर पॉल का कहना है कि आज के प्रोफेशनल युग में सिर्फ किताबी ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है। आज हर क्षेत्र में कम्युनिकेशन एंड इंटर पर्सनल स्किल, टीम स्किल, निगोशिएशन स्किल, टाइम मैनेजमेंट स्किल, बिजनेस मैनेजमेंट, सोशल ग्रेस का बड़ा महत्व है।
संस्कृति यूनिवर्सिटी में शिक्षा के साथ ही छात्र-छात्राओं की स्किल्स को सुधारने का प्रयास किया जाता है, इन्हीं प्रयासों के ही चलते यहां के छात्र-छात्राएं हर क्षेत्र में निरंतर सफलता हासिल कर रहे हैं। इस संबंध में कुलाधिपति सचिन गुप्ता का कहना है कि छात्र-छात्राओं का संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास हो, यही संस्कृति यूनिवर्सिटी का मूल उद्देश्य है।
स्किल्स से ही यंगस्टर्स के करियर की नींव तैयार होती है। स्किल्स के अभाव में छात्र-छात्राओं की प्रोफेशनल ग्रोथ में रुकावट पैदा होती है। कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने आगे कहा कि अगर यंगस्टर्स के सॉफ्ट स्किल्स बेहतर हों तो वर्क प्लेस हो या घर का माहौल, उसमें शुरुआत से ही पॉजिटिविटी फील होने लगती है। कुलाधिपति का मानना है कि जिस छात्र या छात्रा के सॉफ्ट स्किल्स अच्छे होंगे, वही सफलता की तरफ कदम बढ़ा सकता है।’