सिद्धार्थनगर।(www.arya-tv.com) स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते आठ जून को कोरोना संदिग्ध डुमरियागंज के रीवा निवासी रामू शर्मा की मौत प्रकरण में दोषियों पर कार्रवाई न होने पर मामला गरमा गया है। रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सिद्धार्थ तिराहे पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का पुतला फूंका और त्वरित कार्रवाई की मांग की। परिषद के कार्यकर्ता कॉलेक्ट्रेट परिसर में बीते दो दिन पहले दोषियों पर कार्रवाई को लेकर धरना दिया था।
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जिलाधिकारी दीपक मीणा ने उन्हें आश्वासन दिया था जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी गई है, कार्रवाई 48 घंटे के अंदर हो जाएगी। बावजूद कार्रवाई न होने पर कार्यकर्ता उग्र हो गए। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री का पुतला दहन कर विरोध एवं आक्रोश प्रकट किया। परिषद के संयोजक नित्यानंद शुक्ल ने कहा कि सिद्धार्थनगर जनपद में बदहाल स्वास्थ्य एवम चिकित्सा व्यवस्था के नाते मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को बर्खास्त करने के संदर्भ में एवं रामू शर्मा प्रकरण में जिम्मेदारी स्वास्थ कर्मियों पर कार्यवाही के संदर्भ में जिलाधिकारी के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री जी को दिए गए ज्ञापन पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही न होने पर आज अभाविप ने अपना विरोध प्रदर्शन कर आक्रोश प्रकट किया।
प्रदर्शन के दौरान अभाविप के जिला संगठन मंत्री आकर्षण ने कहा कि इस वैश्विक संकटकाल मे जहां सरकार एवम कोरोना योद्धा के रूप में कार्यरथ चिकित्साकर्मी पूर्ण रूप से कोरोना महामारी को मात देने में जुटे हैं वहीं सिद्धार्थनगर जनपद में जिले स्तर के गैर जिम्मेदाराना अधिकारियों की लापरवाही ने मानवीय संवेदनाओं को तार तार कर डुमरियागंज क्षेत्र के रीवा निवासी कोरोना संदिग्ध को मौत के घाट उतार दिया। उन्होंने कहा कि स्वाथ्य विभाग की संवेदनहीनता के नाते एक 22 वर्षीय युवक जिला अस्पताल के गेट पर लगभग 3 घण्टे तड़पता रहा और अंततः जीवन के खिलाफ अपनी जंग को हार गया।
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अभाविप सरकार को अवगत करना चाहती है कि जब तक दोषियों पर कड़ी कार्यवाही नहीं हो जाती अभाविप अपना प्रदर्शन जारी रखेगी। प्रदर्शन में मुख्य रूप से राजन द्विवेदी, तहसील संयोजक प्रियांशु, नगर मंत्री विपुल, जतिन चौबे, अशोक ठाकुर, अनिल गुप्ता,विवेक ओझा, आकर्ष त्रिपाठी, दुर्गेश कुमार आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इस मामले में पूछे जाने पर जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई के लिए मैं खुद भी शासन को पत्र लिख चुका हूं। कार्रवाई जरूर होगी। अभाविप कार्यकर्ताओं को धैर्य रखना चाहिए।