विश्व पर्यावरण दिवस आज, जानें क्या है इसका इतिहास

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अगर हमारे आस पास की आबोहवा स्वच्छ होगी तो हम स्वस्थ होंगे। हम स्वस्थ्य होंगे तो समाज स्वस्थ होगा। समाज सब स्वस्थ होगा तभी तरक्की की परिकल्पना हो सकती है। आज पेड़ों को बेधड़क काटा जा रहा है। हजारों एकड़ में फैले कई जंगल अब आबादी में तब्दील हो चुके हैं। पेड़ हमारे जीवन में कितना जरूरी है यह जानते हुए भी हम उनके संरक्षण के प्रति जागरुकता नहीं दिखाते।

वह अलग बात है कि अब पेड़ों की कटान से पहले अनुमति का प्रावधान है लेकिन चोरी छिपे आज भी पेड़ों को बिना अनु​मति काटा जा रहा है। हमें स्वच्छ और ताजी हवा देने वाले पेड़ अब खत्म हो रहे हैं। सरकारें तमाम कोशिशें कर रही हैं। बावजूद इसके अभी भी संतुलन नहीं बन पा रहा। जितनी तेजी से पेड़ कट रहे हैं। उतनी तेजी से लगाए नहीं जा रहे।

आज विश्व पर्यावरण दिवस है। यह दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।

हर वर्ष World Environment Day की थीम तय की जाती है और पूरी दुनिया में उसी आधार पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बार की थीम है ‘समय और प्रकृति’।

क्या है इसका इतिहास
वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव पर्यावरण विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन किया गया था। इसी चर्चा के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस का सुझाव भी दिया गया और इसके दो साल बाद, 5 जून 1974 से इसे मनाना भी शुरू कर दिया गया। 1987 में इसके केंद्र को बदलते रहने का सुझाव सामने आया और उसके बाद से ही इसके आयोजन के लिए अलग अलग देशों को चुना जाता है। इसमें हर साल 143 से अधिक देश हिस्सा लेते हैं और इसमें कई सरकारी, सामाजिक और व्यावसायिक लोग पर्यावरण की सुरक्षा, समस्या आदि विषय पर बात करते हैं।

पर्यावरण को सुधारने हेतु यह दिवस महत्वपूर्ण है जिसमें पूरा विश्व रास्ते में खड़ी चुनौतियों को हल करने का रास्ता निकालता हैं। लोगों में पर्यावरण जागरूकता को जगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है। इसका मुख्य उद्देश्य हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना और दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों को देखना है।