लखनऊ। मौलाना साद की तलाश और तेज़ हो गई है। मुजफ्फरनगर, शामली में छापेमारी की जा रही है।
मौलाना की तलाश में 8 टीमें लगाई गई हैं। मरकज का मकसद क्या था? अलग अलग जगहों से मिलने वाले ये लोग आखिर चाहते क्या थे। निजामुद्दीन मरकस से कुल 16 जमातें निकली।
इसके बाद ये दिल्ली के कोने कोने में फैल गए। आज देश के कोने कोने से ये जमात कोरोना का आतंक फैला रही है। कोरोना बम देश के कोने कोने में फैल गया है।
राज्यों ने बैठक बुलाई है।
कौन है मौलाना साद
मौलाना साद का जन्म 10 मई 1965 को दिल्ली में हुआ। साद ने हजरत निजामुद्दीन मरकज के मदरसा काशिफुल उलूम से 1987 में आलिम की डिग्री ली। मौलाना साद का विवादों से पुराना नाता है। जब उन्होंने खुद को तबलीगी जमात का एक छात्र (संगठन का सर्वोच्च नेता) घोषित कर दिया तो जमात के वरिष्ठ धर्म गुरुओं ने उनका जबर्दस्त विरोध किया। हालांकि, मौलाना पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और सारे बुजुर्ग धर्म गुरुओं ने अपना रास्ता अलग कर लिया। बाद में साद का एक ऑडियो क्लिप भी शामिल हुआ जिसमें वह कहते सुने गए, ‘मैं ही अमीर हूं… सबका अमीर… अगर आप नहीं मानते तो भाड़ में जाइए।’