आईसीआईसीआई एकेडमी फाॅर स्किल्स

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(www.arya-tv.com) लखनऊ के पास एक गाँव में सीमित साधनों के साथ रहने वाले किसान परिवार की रजनीसिंह अपने पिता की सबसे छोटी संतान थी। साधनों की कमी के बावजूद रजनी ने ग्रेजुएशन की अपनी पढ़ाई पूरी कर ली थी और अब वह अपने कौशल के अनुकूल नौकरी की तलाश कर रही थी, ताकि एक बेहतर जीवन के अपने सपने को साकार कर सके।

एक बार लखनऊ के अलीगंज में अपने एक रिश्तेदार के घर जाने के दौरान उसने आईसीआईसीआई एकेडमी फाॅर स्किल्स का बोर्ड देखा और उसने इसके बारे में और जानकारी हासिल करने का फैसला किया। वह केंद्र प्रभारी से मिलीं जिन्होंने अकादमी में ऑफर किए जाने वाले पाठ्यक्रमों के विवरण के साथ-साथ केंद्र में उपलब्ध अन्य सुविधाओं के बारे में भी उसका मार्गदर्शन किया।

जाहिर है कि इस तमाम जानकारी को लेकर रजनी बेहद उत्साहित थी और उसे लगा कि यह वही मौका था जिसका इंतजार वह अपने सपनों को साकार करने के लिए कर रही थी। अकादमी ने उसे ‘ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन’ के तहत कौशल प्राप्त करने के लिए तीन महीने का कोर्स करने की पेशकश की और उसे निशुल्क अध्ययन सामग्री, यूनिफाॅर्म और भोजन भी प्रदान किया।

रजनी को आफिस स्किल्स के साथ-साथ संचार कौशल, व्यक्तित्व विकास, शिष्टाचार, पर्सनल ग्रूमिंग और वित्तीय साक्षरता के बारे में भी बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। इसका नतीजा यह हुआ कि रजनी अब एक मृदुभाषी, अच्छी तरह से वाकिफ उम्मीदवार के रूप में बदल चुकी थी, जो अब एक कुशल पेशेवर के रूप में जीवन को अपनाने के लिए तैयार थी।

अपने सामने मौजूद सभी अवसरों को देखते हुए, अब वह एक सॉफ्टवेयर कंसल्टेंसी ‘ईटूआईटी‘ नामक कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट में काम करती है। रजनी उन भाग्यशाली लोगों में से एक हैं जो पेशेवर दुनिया में अपनी यात्रा को सुगम और फलदायी बनाने के लिए वांछित कौशल हासिल कर सकते हैं।

खुशी से भरे स्वर में रजनी कहती हैं, ‘‘आईसीआईसीआई एकेडमी फाॅर स्किल्स के माध्यम से हासिल आत्मविश्वास और उन्नत ज्ञान के स्तर के बाद आज मैं उन उम्मीदवारों का साक्षात्कार करने में सक्षम हूं जो मेरी खुद की उम्मीदवारी के बराबर हैं, और कई बार तो मुझे लगता है कि वे मुझसे भी बेहतर हैं।

जीवन में इस स्तर तक पहुंचना आश्चर्यजनक लगता है, और यह संभव भी नहीं था अगर मैं आईसीआईसीआई एकेडमी फाॅर स्किल्स के कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में दाखिला नहीं लेती। इसी कोर्स के कारण मैं आज के चुनौतीपूर्ण माहौल में काम के लिए खुद को तैयार कर पाई हूं।‘‘ रजनी अब एमबीए का कोर्स कर रही है। उसके गाँव में उसके माता-पिता और रिश्तेदार उसमें आए परिवर्तन को देखकर हैरान हैं और उसे इस काबित बनाने के लिए आईसीआईसीआई एकेडमी फाॅर स्किल्स के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं।