जानिए Coronavirus का किस उम्र के लोगों पर पड़ता है कितना असर

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दिल्ली में बुधवार के बाद से अबतक कोरोनावायरस के 29 मामले सामने आ चुके हैं। राहत की बात ये है कि देश में कोरोनावायरस से एक भी मौत नहीं हुई है। दुनियाभर में इस वायरस के कारण एक तरह से दहशत का जो माहौल बना है, उस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों ने भी अपनी तरह से एहतियातन तैयारियों में लगे हुए हैं। लोगों से साफ-सफाई और अन्य सावधानियां बरतने की अपील की जा रही है। नोएडा के एक स्कूल में छात्र में इसका संदेह होने के बाद से लोग अपने बच्चों को लेकर बहुत घबराए हुए हैं। अबतक कोरोनावायरस से संक्रमण के जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके अनुसार बच्चों के लिए बहुत घबराने की जरूरत नहीं है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो, दुनियाभर में अबतक 3100 से ज्यादा लोगों की मौत इस वायरस के कारण हो चुकी है, जबकि 91 हजार से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। वहीं उम्र के लिहाज से देखा जाए तो सबसे ज्यादा मौतें 80 साल से अधिक उम्र के लोगों की हुई है, जबकि 10 से 19 साल के बच्चों में मौत की दर 0.2 फीसदी ही है। नौ साल से कम उम्र के एक भी बच्चे की मौत इससे नहीं हुई है। ये आंकड़ें तो यही बता रहे हैं कि इससे संक्रमित जिन मरीजों की उम्र ज्यादा है, सबसे ज्यादा उनकी ही मौत हो रही है।
इन आंकड़ों में स्पष्ट है कि युवाओं पर भी इसका असर कम है। 20 से 29 साल और 30 से 39 साल के युवाओं में मौत की दर महज 0.2 फीसदी है। वहीं 70-79 साल के करीब 8 फीसदी बुजुर्गों की मौत कोरोनावायरस की वजह से हुई है और सबसे ज्यादा 14.8 फीसदी मौतें 80 साल से अधिक के बुजुर्गों की हुई है।
मौत की दर बहुत ही कम
कोरोनावायरस के लिए अबतक कोई इलाज नहीं है। जापान की एक बड़ी फॉर्मा कंपनी इसके लिए ड्रग तैयार करने में लगी है। लेकिन सावधानी और बचाव ही फिलहाल इसका एकमात्र उपाय है। चूंकि यह वायरस बहुत ही तेजी से फैलता है, इसलिए लोग डरे हुए हैं। हालांकि, कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों में मौत का आंकड़ा देखें तो औसतन 100 संक्रमित मरीजों में से महज दो लोगों की मौत हुई है। खासकर भारत में ज्यादातर संक्रमित मरीजों की रिकवरी हुई है।
इस संबंध में डॉ. प्रवीण सिन्हा और डॉ. बीपी सिंह बताते हैं कि लोगों को अपना इम्यून सिस्टम मजबूत रखने की जरूरत है। उम्रदराज लोगों की मौतें इसलिए ज्यादा हुई है, क्योंकि उम्र के साथ उनकी इम्यूनिटी कम हो जाती है। रोगों से लड़ने की क्षमता कम होने के कारण वह कोरोना के असर से नहीं बच पाए। चिकित्सकों ने बताया कि साफ-सफाई, खुला वातावरण, तापमान बनाए रखने समेत इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खानपान पर ध्यान देना चाहिए।
लक्षणों को समय रहते पहचानें
अचानक बुखार और सांस लेने में तकलीफ।
बहुत अधिक खांसी और जुकाम होना।
शरीर में तेज दर्द के साथ कमजोरी।
किडनी और लिवर में तकलीफ।
निमोनिया के लक्षण सामने आना।
पाचन क्रिया में तकलीफ शुरू होना।
इन बातों का रखें ध्यान
बार-बार आंख, नाक मुंह छूने से बचें।
सार्वजनिक स्थानों पर जाने से पहले एन-95 मास्क पहनें।
संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखें।
सर्दी, जुकाम, बुखार और कफ होने पर अस्पताल जरूर जाएं।
20 सेकंड तक साबुन से हाथ धुलें।
साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
एक इंसान से दूसरे में फैलता है।
ऐसे करें बचाव
भीड़भाड़ में 3 से 6 फुट की दूरी बनाकर चलें।
बार-बार हाथ धोते रहें ताकि कीटाणु न फैलें।
सार्वजनिक वाहन से यात्रा के दौरान दस्ताने पहनें।
मुंह पर मास्क पहनकर रखें, नियमित बदलते रहें।
भीड़भाड़ या अस्पताल वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।