28 फरवरी व 1 मार्च को राष्ट्रीय सेमिनार आर्यकुल कालेज में आयोजित होगी
मुख्य अतिथि के रूप में वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री बृजेश पाठक आयेंगे
सम्मानीय अतिथि के रूप में लविवि के कुलपति प्रो.एस.पी.सिंह आयेंगे
देश भर के जाने-माने वैज्ञानिक व शोध छात्र करेंगें सहभागिता
(Arya Tv)लखनऊ। आर्यकुल कालेज आॅफ फार्मेसी एण्ड रिसर्च लखनऊ, विज्ञान भारती, आर्यकुल कालेज आॅफ ऐजुकेशन व आर्यकुल कालेज आॅफ मैनेजमेंट के सहयोग से दिनांक 28 फरवरी व 1 मार्च को ’’ रिन्यूएबल एनर्जी प्रेजेंट एंड फ्यूचर पर्सपेक्टिव्स इन रिसर्च एंड इंडस्ट्रीज’’ National Conference on Renewable Energy Present and Future Perspectives in Research and Industries विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है जो कि उ.प्र. सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित है। इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य अक्षय ऊर्जा के नये शोधों पर चर्चा करना है जिससे कि अनुसंधान और उद्योग के क्षेत्र में इसका उपयोग किया जा सके। हमारे देश में भविष्य में सभी जगहों पर अक्षय ऊर्जा का प्रयोग करके अंधियारा समाप्त हो सके। भारत के प्रधानमंत्री जी की संकल्पना कि भारत के घर-घर में उजियारा हो और उसमें शैक्षिक संस्थानों व उससे जुड़े लोगों की सक्रिय भूमिका हो, उसी को ध्यान में रख कर इस सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री बृजेश पाठक , सम्मानीय अतिथि के रूप में लविवि के कुलपति प्रो.एस.पी.सिंह, सम्मानीय अतिथि व प्रमुख वक्ता डाॅ. सुहेल अख्तर (वैज्ञानिक व सलाहकार भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय),सम्मानीय अतिथि हेमन्त राव प्रमुख सचिव उ.प्र., सम्मानीय अतिथि आईएएस निदेशक यूपी नेडा, सम्मानीय अतिथि डाॅ.एम.के.जे. सिद्दकी,सम्मानीय अतिथि प्रांशु मिश्रा (स्टेट हेड सीएनएन) आदि उपस्थित रहेंगे।
उ.प्र. में अक्षय ऊर्जा के रूप में तमाम प्रकार के संसाधन मौजूद हैं लेकिन इस क्षेत्र में जागरूकता और महत्व के बारे में ज्ञान की कमी होने के कारण लोग इस ऊर्जा का लाभ नहीं ले पा रहें हैं। यूपी नेडा जैसे संगठन इस तरह की गतिविधियों में पहल कर रहे हैं लेकिन फिर भी इस तरह के मंच, सम्मेलनों, सेमिनारों और समाज के लिए कार्यशालाओं की आवश्यकता है ताकि वे अपने लाभ के लिए अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल और महत्व के बारे में जागरूक हो सकें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि किसी भी फार्मेसी कालेज द्वारा इस तरह की जन आधारित राष्ट्रीय सेमिनार पहली बार आयोजित की जा रही है जो अपने आप में एक नई पहल है। यह सेमिनार अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में ऐतिहासिक इसलिए होगी क्योंकि भारत के शहरों व गांवों में बिजली की कमी कोई नयी बात नहीं इसलिए समद्ध भारत की दिशा में यह सेमिनार एक नयी सोच साबित होगी। इस सेमिनार में पूरे भारत के विद्वान वैज्ञानिक, ऊर्जा क्षेत्र के शिक्षाविद् व विज्ञान में शोध के छात्र इस क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं और इसके उपयोग की जानकारी सभी को साझा करेंगें जो कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में नागरिकों के लिए व हमारे उद्योगों के लिए भविष्य में बहुत ही लाभप्रद और उपयोगी साबित होगी। आज के दौर में भविष्य को देखते हुए अक्षय ऊर्जा स्रोतों का प्रबंधन ऊर्जा प्रणाली को मजबूत करने के लिए किया जा सकता है। ऊर्जा स्रोतों का उचित उपयोग बनाए रखने के लिए समय की मांग है, क्योंकि पर्यावरण में तेजी से हो रही गिरावट की समस्या का समाधान अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाकर ही किया जा सकता है। अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपना कर हमारे भारत का भविष्य पूरी तरह से सुरक्षित होगा। जो कि नये भारत निमार्ण में उपयोगी सिद्ध होगा।
इस राष्ट्रीय सेमिनार के संयोजक एवं आर्यकुल कालेज के प्रबंध निदेशक सशक्त सिंह ने इस सेमिनार के बारे में बताते हुए कहा कि आज समय की मांग है कि हम अक्षय ऊर्जा के स्रोतों को अपनाना सीख लें क्योंकि भविष्य में प्रकृति क्या रूप लेगी किसी ने देखा नहीं है इसलिए जरूरी है कि हम और हमारा समाज इस अक्षय ऊर्जा के विभिन्न पहलुओं को जान लें जिससे देश में किसी भी प्रकार का ऊर्जा संकट खड़ा न हो। आज हमारे देश विकासशील है पर वो समय दूर नहीं जब हम जल्द ही विकसित की श्रेणी में खेड़े होकर दुनिया को यह दिखा देंगें कि भारत वो हमान देश है जो अपने दम पर सब कुछ कर सकता है क्षेत्र जाहे जो भी हो। आज अक्षय ऊर्जा समय की मांग है इसलिए इस सेमिनार के माध्यम से प्रदेश और देश में अक्षय ऊर्जा के संसाधनों के प्रति जागरूकता आयेगी इसी उद्देश्य को लेकर 28 फरवरी 1 मार्च को देश के जाने माने वैज्ञानिक इस क्षेत्र में हुए नये शोधों के साथ सब के सामने रूबरू होंगें जो कि नयी ऊर्जा को हमें प्रयोग करने में उपयोगी सिद्ध होगी। इसके साथ ही श्री सिंह ने बताया कि यूपी नेडा के साथ मिलकर आर्यकुल फार्मेसी एवं रिसर्च सम्पूर्ण उ.प्र. में अक्षय ऊर्जा के प्रति सभी को जागरूक करने के लिए लगातार ऐसे सेमिनारों का आयोजन विभिन्न जगहों पर करता रहेगा।
आज अगर हम ऊर्जा क्षेत्र में प्रयोग की बात करें तो कुछ ही प्रतिशत ऐसा है जो इस तरह के ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग करते हैं कारण है जागरूकता इसलिए इस क्षेत्र में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए इस राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, जो देश के साथ हमारे नागरिकों के लिए भी बेहतर होगा । इस सेमिनार से पूरे भारत में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक नयी क्रांति आयेगी जिससे सम्पूर्ण भारत सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत होगा जिससे प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया विजन को और मजबूती मिलेगी।