16 व 17 फरवरी के दो दिवसीय सेमीफाइनल के साथ 20 व 21 फरवरी को होगा फाइनल
(Arya tv) छात्र-छात्राओं के जीवन में पढ़ाई के साथ ही खेल का बहुत अधिक महत्व है। खेल से प्रत्येक छात्र के सर्वांगीण विकास होता है इसलिए कोशिश करके अपने विद्यालय के स्पोर्ट प्रोग्रांम में हिस्सा जरूर ले। जब हम किसी खेल को सीखने और उसमें जीतने के लिए मेहनत करते हैं तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। हमे यह यकीन हो जाता है की हम ये खेल अच्छे से खेल सकते हैं और जीत भी सकते हैं। इससे हमारा जीवन की अन्य स्थितियों कि तरफ भी नजरिया बदलता है और हम साहसी होके हर स्थिति का सामना करते है।यह बात आर्यकुल ग्रुप आॅफ कालेज में किलोल 2018 का उद्घाटन करते समय प्रबंध निदेशक सशक्त सिंह ने कही।
इसके बाद किलोल 2018 का शानदार सेमीफाइनल का आगाज हुआ। जिसमें बीफार्मा, एमफार्मा, एमबीए, बीजेएमसी, एमजेएमसी, बीटीसी के छात्र-छात्राओं ने खुल कर हिस्सा लिया। इसमें तक्षशिला, नालंदा,वल्लभी,उज्जैन हाउस के बीच स्पोर्ट प्रतियोगितांए सम्पन्न हुई जिसमें बालीवाल में नालंदा और तक्षशिला हाउस के बीच में नालंदा टीम विजयी हुई जिसमें बीटीसी के छात्र सुमित यादव ने 9 गोल करके बाजी मारी। इसके बाद वल्लभी और उज्जैन के बीच में वल्लभी टीम विजयी हुई जिसमें वल्लभी के छात्र गौरव ने 8 गोल करके बाजी मारी। इसके बाद तक्षशिला और नालंदा के बीच में क्रिकेट मैच खेला गया जिसमें तक्षशिला ने बाजी मारी। तक्षशिला के छात्र अमन मिश्रा 10 बाॅल में 26 रन बना कर मैन आॅफ द मैच रहे। इसके साथ ही अमन ने एक मैडन ओवर के साथ दो विकेट लिये।
दूसरा सेमीफाइनल वल्लभी और उज्जैन के बीच हुआ जिसमें उज्जैन हाउस ने बाजी मारी। इसमें वल्लभी हाउस के संजीव ने 4 विकेट लेकर मैन आॅफ द मैच का खिताब जीता। किलोल 2018 में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता बाल कृष्ण सिंह,आशुतोष यादव और धनेश प्रताप सिंह ने एम्पायर की भूमिका निभाई। बालीवाॅल में आदित्य सिंह और प्रियंका केसरवानी ने एम्पायर की भूमिका निभाई। किलोल प्रतियोगिता 2018 की प्रबंधन समिति में एचआर हेड नेहा वर्मा, डाॅ.स्तुति वर्मा, डाॅ.नवनीत, डाॅ.शशांक तिवारी, रवि पाठक, सिद्धार्थ राजेन्द्र,सिद्धार्थ महन्ता, डाॅ.रोहित मोहन,रश्मि सागर,संचालिका मिश्रा,निधि कुमारी, आकांक्षा श्रीवास्तव, आकांक्षा सिंह, प्रणव पाण्डेय,प्रदीप कुमार,शशांक मेहरोत्रा, हर्ष नारायण, रोहित वर्मा आदि का योगदान रहा।
किलोल 2018 की संचालिका अंकिता अग्रवाल ने अन्त में बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल में तो हार-जीत चलती रहती है। जब आप किसी खेल या मुकाबले में हार जाते हैं तो आपको अपनी कमियों का पता चलता है। आपको ये बात समझ आती है की हारना भी जीवन का एक हिस्सा है। हार जाने से जीवन समाप्त नहीं हो जाता बल्कि आपको अपने को सुधारने का एक और मौका मिलता है। जब हमारी सोच सकारात्मक हो जाती है तो हम असफलता से निराश नहीं होते हैं और तनाव और अवसाद से दूर रहते हैं। इसी क्रम कालेज के कुलसचिव सुदेश तिवारी ने कहा कि खेल खेलते समय हमारे शरीर में ऐसा हॉरमोन बनता है जिसे एंडोर्फीन कहते हैं। ये हॉरमोन हमारे दिमाग और मन को खुशी का एहसास दिलाता है। इसलिए खेलने के बाद हमारा मूड खुशनुमा हो जाता है और चिंता या तनाव दूर हो जाती है।