फिर पाकिस्तान के साथ आया चीन, ग्रे लिस्ट से हो सकता है बाहर

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कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर पाकिस्तान के पक्ष में खड़े होने वाले चीन ने एक बार फिर उसका साथ दिया है। इसी सप्ताह एफएटीएफ की अहम बैठक की मेजबानी करने जा रहे चीन ने इससे पहले गुरुवार को अपने सहयोगी देश पाकिस्तान के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान अगले महीने एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर हो सकता है। ऐसा चीन के सक्रिय समर्थन और कुछ पश्चिमी देशों के रणनीतिक समर्थन की वजह से हो सकता है।

चीन ने आतंकी फंडिंग पर शिकंजा कसने के पाकिस्तान के कथित प्रयासों की प्रशंसा की और इसे ‘बेहद प्रगतिवान’ करार देते हुए कहा कि इसके लिए विश्व समुदाय को पाकिस्तान का हौसला बढ़ाना चाहिए। पाकिस्तान की तरफ से आतंकी फंडिंग व मनी लान्ड्रिंग के खिलाफ उठाए गए कदमों का परीक्षण करने के लिए एफएटीएफ की बैठक इसी सप्ताह बीजिंग में होनी है।

पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) का काम आतंकवाद को बढ़ावा देने के प्रयासों लिए होने वाली फंडिंग पर नजर रखना है। चीन फिलहाल संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के समर्थन वाली इस संस्था के अध्यक्ष पद पर है, जबकि एशिया पैसेफिक ज्वाइंट ग्रुप के लिए सह अध्यक्ष है।

बैठक में पाकिस्तान का पक्ष रखने के लिए वहां आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बीजिंग पहुंचे हुए हैं।बैठक से पहले बृहस्पतिवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से मीडिया ने पाकिस्तान की कार्रवाई को लेकर सवाल किया। शुआंग ने कहा कि उन्हें फिलहाल चल रही कार्रवाई की अभी तक जानकारी नहीं है, लेकिन इस्लामाबाद के प्रयास प्रशंसा लायक हैं।

शुआंग ने कहा, पाकिस्तान ने अपने घरेलू आतंकी वित्त निरोधक तंत्र को मजबूत करने के लिए बेहद प्रयास किया है। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि एफएटीएफ पाकिस्तान को इस सिलसिले में सकारात्मक सहयोग व सहायता देना जारी रखेगा।

ब्लैक लिस्ट हो सकता है पड़ोसी देश
बता दें कि एफएटीएफ ने लश्कर-ए-ताइबा, जैश-ए-मोहम्मद व अन्य आतंकी संगठनों को मिलने वाले धन की आवाजाही पर अंकुश नहीं लगाने के चलते पिछले साल अक्तूबर में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया था।

यदि पाकिस्तान की तरफ से इसके खिलाफ उठाए गए कदमों से एफएटीएफ बीजिंग में होने वाली इस बैठक के दौरान संतुष्ट नहीं होता है तो उसे ‘ब्लैक लिस्ट’ किया जा सकता है, जिसके चलते पड़ोसी देश पर ईरान की तरह बहुत सारे गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे।

सौंप दी है रिपोर्ट
08 जनवरी को पाक ने एफएटीएफ को एक रिपोर्ट सौंपी है
650 पेज की इस रिपोर्ट में उसकी कार्रवाई का ब्योरा है
150 सवाल एफएटीएफ ने उठाए थे, उनका दिया है जवाब
2019 अक्तूबर से 2020 जनवरी तक की कार्रवाई बताई है