मुख्यालय से गिरा फरमारन बिजली कर्मी हु​ए ​सुन्न

Agra Zone UP

आगरा।(www.arya-tv.com) सर्दी में करंट की मांग बढ़ी तो रोशनी वाले बड़े साहब के शरीर में भी कर्तव्यनिष्ठा का करंट दौड़ गया। मांग पूरी करने के लिए साहब ने बिजली चोरों को पकड़ने का इरादा किया। गांव-गांव दबिश देनी शुरू कर दी। कई घरों में बिना कनेक्शन 440 वोल्ट का करंट दौड़ता मिला। साहब की धरपकड़ को विभाग में कुछ दिनों तो खूब वाहवाही मिली, लेकिन एक दिन मुख्यालय से आ गिरा फरमान उनका शरीर सुन्न कर गया।

दरअसल, लखनऊ में बैठे अफसरों ने पूछ लिया कि अब इतनी बिजली चोरी पकड़ी जा रही है तो पहले क्यों नहीं पकड़ी गई। इसकी जिम्मेदारी तो उन्हीं लोगों पर है जो अब चौकड़ी भर रहे हैं। लिहाजा, स्पष्टीकरण दिया जाए। इस फरमान के बाद साहब ने सिकुड़कर रजाई ओढ़ ली। बत्ती गुल है और सरकारी भाषा में स्पष्टीकरण की इबारत खोजी जा रही है। महकमे के आला अब तक तकनीकी बैकग्राउंड के थे तो तकनीक वालों की बल्ले-बल्ले रहती थी।

प्रोफेशनल बिरादरीवाद चल जाता था। इस आड़ में कई खेल हो गए। कुछ ने तो बड़े-बड़े खेल किए और अभी तक बचे हैं। एक साहब ने सौभाग्य योजना में ही खेल कर दिया। अहम ओहदे पर बैठे ‘रोबो’ को जांच अधिकारियों ने भी दोषी ठहरा दिया। अधीनस्थों पर नजर नहीं पड़ी। लेकिन, अब ये ‘कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन’ गाते-गुनगुनाते नजर आते हैं। दरअसल, विभाग की नई मुखिया तकनीक तो नहीं, चेहरे पढ़ने की माहिर हैं।

वे भांप चुकी हैं कि कुछ तो गड़बड़ जरूर है। कुछ चेहरे नजर में भी चढ़ चुके हैं। पुरानी फाइलों को खंगलवा दिया तो कारनामे खुलने लगे। बू दूर तक चली गई। अब इसका जिक्र होते ही तकनीक के दो माहिरों का हलक सूख जाता है। खिलाड़ियों ने अब आपस में एक समझौता किया है। किया है कि वे एक दूसरे के मामले में मैडम के सामने फिलहाल चुप्पी रखेंगे ताकि आगे भनक न लगे।