अलीगढ़।(www.arya-tv.com) 15 दिसंबर को बवाल में कुलपति व रजिस्ट्रार ने पुलिस को कैंपस के अंदर आने की अनुमति दी तो छात्रों व छात्रनेताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। वीसी व रजिस्ट्रार के खिलाफ प्रदर्शन किया। यहां तक कि, दोनों को इस्तीफा देने के लिए पत्र भी लिख डाले गए। आक्रोश था कि पुलिस अंदर घुसी और छात्रों के साथ अन्याय किया।
अब वो ही छात्र पुलिस को कैंपस में आने का न्योता दे रहे हैं। उनको इफ्तार पार्टी में शामिल कर रहे हैं तो कोई गुरेज नहीं। कुछ छात्रों के इस कदम को कैंपस में बैकफुट पर आना भी कहा जा रहा है। अंदरखाने कुछ छात्रों व छात्रनेताओं ने इस प्रकरण से इत्तिफाक नहीं किया। इफ्तारी में सीओ तृतीय अनिल समानिया, इंस्पेक्टर सिविल लाइंस अमित कुमार व एसीएम द्वितीय रंजीत सिंह शामिल हुए।
शुक्रवार शाम को बाबे सैयद के अंदर नमाज के बाद छात्रों की इफ्तार पार्टी में पुलिस अफसर भी शामिल हुए। छात्र लाउडस्पीकर हाथ में लेकर चैन-ओ-अमन की दुआएं मांगते रहे। एक व्यक्ति दुआएं मांगता रहा कि, अगर इन बच्चों की मांग जायज है तो अल्लाहताला उसे कुबूल फरमाएं। देश को खून पसीना देकर बनाया है, इसमें चैन व अमन बरसाएं। एएमयू छात्र संघ पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि कुलपति ने पुलिस बुलाई थी मारने के लिए। छात्रों ने बुलाया है अमन व चैन के लिए। दोनों में फर्क है।
नबी का कहना है कि दुश्मन भी हो तो उसे प्यार से बुलाओ, प्यार बढ़ाओ। पुलिस अफसर जो अंदर आए थे वो भी अपने हथियार बाहर ही रखकर आए थे। कुलपति व रजिस्ट्रार ने हथियार समेत पुलिस बुलाई थी। एएमयू में छात्रों द्वारा आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के शामिल होने पर सवाल उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भी कुछ लोगों ने आपत्ति जताई है। शुक्रवार को एएमयू छात्रों ने रोजा रखा था। रोजे में अमन-चैन की तो दुआ की ही गई साथ ही जिन स्थानों पर उपद्रव हुए उसपर भी जिक्र किया गया।
सीधे तौर पर पुलिस और प्रशानिक कार्रवाई को गलत ठहराया गया। दुआ में कहा गया कि, मौला जहां-जहां जुर्म हुए हैं, वहां मजलूमों को मदद फरमाना। इस बात पर भाजपा के जिला प्रवक्ता डॉ. निशित शर्मा ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि इसका सीधा मतलब है कि छात्र विगत दिनों हुए प्रदर्शन को सही बता रहे हैं। पथराव को रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई को भी गलत ठहरा दिया। डॉ. निशित ने कहा कि रोजा भी प्रदर्शन में मारे गए और घायल लोगों के लिए ही रखा गया था।
इसके बाद भी इसमें एसडीएम कोल रंजीत सिंह, सीओ अनिल कुमार समानिया और इंस्पेक्टर सिविल लाइंस अमित कुमार का शामिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे साफ पता चलता है कि पुलिस और प्रशासन छात्रों का हिमायती है। डॉ. निशित ने कहा कि वह इसकी शिकायत सीएम और डीजीपी से करेंगे। कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को ऊपरकोट जामा मस्जिद, जीवनगढ़ और शाहजमाल में जुमे की नमाज हुई। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बीते सप्ताह जुमे की नमाज के बाद ईदगाह के पास बवाल हुआ था।
उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया था। शहर का माहौल खराब होने से बचा था। बवाल के बाद से ही अफवाहें तैर रही थीं। पुलिस-प्रशासन सतर्क था और गली, मुहल्लों से थाने, पुलिस चौकी व प्रमुख स्थानों पर जाकर शांति समिति की बैठकें की जा रही थीं। अफवाहों की रोकथाम के लिए इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया था। आम दिनों की तरह शुक्रवार को बाजार खुले थे। सर्दी के बाद भी बाजारों में लोगों की चहल-पहल थी।
ऊपरकोट स्थित जामा मस्जिद में शांतिपूर्वक तरीके से नमाज अदा हुई। शहर मुफ्ती खालिद हमीद ने नमाजियों को नमाज अदा कराई। उन्होंने लोगों से शहर में शांति बनाए रखने की अपील की। यहां एडीएम सिटी राकेश मालपाणि, एसपी सिटी अभिषेक कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार, सीओ प्रथम विशाल पांडेय, आरएएफ, पीएसी व कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ मुस्तैद रहे। ड्रोन कैमरे से भी निगरानी रखी गई।