गोंडा।(www.arya-tv.com) जिले में दो ब्लॉक ऐसे हैं, जहां तैनाती की सूचना मिलते ही लेखाकार बीमार हो जाते हैं। जिले में एक-दो नहीं, बल्कि पांच लेखाकार इन ब्लॉकों में तैनाती का आदेश मिलते ही चिकित्सकीय अवकाश पर चले गए। कार्य प्रभावित होने से परेशान अफसरों ने जब पीड़ा जिले के मुखिया को सुनाई तो इन कर्मियों का मेडिकल टेस्ट कराने का फैसला किया गया है।
गत सात सितंबर को कटरा बाजार ब्लॉक के गांवों में विकास कार्यो की जांच कराई गई थी। गड़बड़ी मिलने पर नौ कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। यहां तैनात लेखाकार केके मिश्र 12 सितंबर को ही मेडिकल पर चले गए। उन्हें कौन सी बीमारी है, इसकी जानकारी अफसरों को भी नहीं। इसके बाद हरिशंकर राव को मनरेगा का चार्ज दिया गया।
23 सितंबर को वह भी मेडिकल पर चले गए। कर्नलगंज में तैनात प्रदीप कुमार सोनी की तैनाती कटरा बाजार में की गई। 30 अक्टूबर को उन्होंने भी ब्लड प्रेशर व हार्ट की बीमारी का हवाला देते हुए चिकित्सकीय अवकाश के लिए आवेदन भेज दिया। इसके बाद राजेश्वर गुप्त की तैनाती हुई। हाल ही में उन्होंने चार्ज तो ले लिया, पर कामकाज ठप पड़ा है। वहीं, मुजेहना ब्लॉक में तैनात लेखाकार नंदश्याम भी 28 नवंबर को मेडिकल पर चले गए।
इसके बाद नवाबगंज में तैनात लेखाकार बृजेश कुमार पाठक को मुजेहना की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने भी ज्वाइनिग से पहले 12 दिसंबर को मेडिकल के लिए पत्र भिजवा दिया। डीएम डॉ. नितिन बंसल ने पांचों लेखाकारों का मेडिकल टेस्ट कमेटी से कराने का निर्देश सीएमओ को दिया है। वहीं, संबंधित ब्लॉक के बीडीओ को मेडिकल टेस्ट के लिए लेखाकारों को सूचित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे सच्चाई की पता चल सके।